कोरोना वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया को आफत में डाल दिया हैं।आज पूरी दुनिया में 24 लाख लोग संक्रमित जबकि 1 लाख 65 हजार मौते हो चुकी हैं।अधिकांश देश अपने यहां लॉकडाउन लगाए हुए हैं ताकि इस बीच कोई दवा या टीका मिल सके. या फिर मौसम बदलने पर वायरस का कहर घट जाए. लेकिन कोरोना वायरस कम होने की बजाये तेजी से और दुसरे रुप में भी बदलते हुए देखा जा रहा हैं।राजधानी दिल्ली में शनिवार को 186 ऐसे कोरोना पाँजिटि मरीजों की पहचान की गई है कि उनमें कोरोना जैसे कोई लक्षण पहले नहीं था लेकिन जांच करने के बाद पाया गया कि वह कोरोना पाँजिटिव हैं।यदि इस तरह के केस बढ़ते है तो कोरोना जैसे महामारी से बचना बहुत मुश्किल हैं क्योंकि हमारे डाँक्टरों,वैज्ञानिकों को यह पता लगाना कठिन हो जाएगा कि कौन व्यक्ति कोरोना से ग्रसित हैं और कौन इससे ग्रसित नहीं है।जब तक कोरोना के इस दुसरे रुप के लक्षण को नहीं पहचाना जाता तबतक इस का इलाज असंभव हैं।
भारत सरकार का स्वास्थ मंत्रालय इस बात से बहुत चिंतित हैंकि बिना लक्षण के कोरोना से लड़ाई लड़ना बहुत मुश्किल हैं।स्वास्थ मंत्रालय का कहना हैं अस्सी फीसदी ऐसे केस हैं जिसमें कोरोना के मरीजों में या तो कोई लक्षण नहीं हैं या फिर बहुत मामूली हैं।बिना कोरोना के लक्षण की पहचा किये बिना संक्रण को रोकना मुश्किल हैं।चीन के वुहान शहर से भी ऐसी खबर आ रही है।
WHO और दूसरे वैज्ञानिकों की लगातार चेतावनी दे रहे है कि यह वायरस दोबारा लौट रहा है जिसके लक्षणों को पहचानना बहुत मुश्किल होगा। उत्तरी चीन में इसके छुटपुट मामले आने लगे हैं. लेकिन वहां पर आए या रह रहे विदेशियों में इसका प्रतिशत ज्यादा होने की वजह से चीन इसे फॉरेन वायरस की तरह मान रहा है. सिंगापुर में भी ये दोबारा लौटता दिख रहा है. दक्षिण कोरिया में भी हॉस्पिटल से छुट्टी मिलने के बाद मरीज दोबोरा कोविड-19 संक्रमण के शिकार हो रहे हैं. अब तक ऐसे 100 से भी ज्यादा मामले आ चुके हैं.