इंदौर के पलासिया थाने के विनोबा नगर में स्वास्थ कर्मियों पर चाकू से हमला

कोरोना जैसे महामारी में अपने जान की परवाह किये बिना डाँक्टर,नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ और पुलिस दिन-रात काम कर रहे हैं ताकि लोगों के जीनव को बचा सके।ऐसे संकट के समय हम सबका नैतिक कर्तव्य बनता हैं कि उनके इस मुश्किल भरे समय में अपनी जान की परवाह किये बिना देश की सेवा में लगे हुए हैं तो उनके हौसले को बढ़ाना,आगे आकर उनका सम्मान करना,मास्क,सेनेटाइजर जौसी आवश्यक चीजों की सेवा करना हैं ताकि पुरे ऊर्जा से वह अपने और देश की सेवा कर सके।

दुखद बात ये हैं कि जो भी कोई कोरोना संकट के समय में देश की जनता की सेवा में लगा हुआ हैं उसके प्रति हिंसक होकर मारने,पीटने,गाली गलोज,अभद्र व्यवहारऔर चाकु से हमला करना निंदनीय हैं।रोज देखने और सुनने में आ रहा है कि स्वास्थकर्मी डाँक्टर,नर्स,मेडिकल स्टाप पर हमले हो रहे हैं जो ठीक नहीं लगता हैं।उनके प्रति हो रहे महले के लिए हम और हमारा समाज यहा तक की सरकार भी दोषी हैं।संकट के ऐसे समय में उनके उपर हो रहे हमले को रोकने के लिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को आगेआकर तीव्र विरोध करना चाहिए हो सके तो ऐसे तत्वों को खिलाफ लड़ाई भी लड़नी पड़े तो लड़ना चाहिए।सरकार को भी चाहिए की स्वास्थकर्मी , डाँक्टर , पुलिस पर कोई हमला करता है तो उसे कड़ी से कड़ी सजा दे।ताकि किसी की हिम्मत न हो दुबार इस तरह की हरकत करने की। देश को बचाना है तो इन योद्धाओं की सुरक्षा करने के लिए मह सबको को आगे आना पड़ेगा।

देश में स्वास्थ कर्मियों पर हमला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा हैं।अभी मुरादाबाद में कोरोना संदिग्धों की जाँच करने जा रही मेडिकल टीम पर हमला कर कई स्वास्थाकर्मियों को घायल कर दिया इस घटना के बाद आज मध्यप्रदेश के इंदौर में पलासिया थाने के विनोबा नगर में कोरोना संक्रमितों का पता लगाने के लिए सर्वे करने गई मेडिकल विभाग की टीम पर विनोबा नगर का रहने वाला दंब व्यक्ति ने चाकू से हमला कर दिया।इसी दौरान पड़ोस से बीच -बचाव करने आये लोगों में से एक को चाकू लग गया। सर्वे टीम में डॉक्टर, टीचर, पैरामेडिकल औए आशा कार्यकर्ता शामिल थे. हमला करने वाला शख्स इलाके का गुंडा बताया जा रहा है. हमले के बाद सभी स्वास्थ्यकर्मी पलासिया थाने पहुंचे. जहां उन्होंने पूरी घटना के बारे में बताया और शिकायत दर्ज करवाई.

इंदौर में यह दुसरी घटना हैं जब स्वास्थ कर्मियों पर हमला हुआ हैं इससे पहले इंदौर में ही 1अप्रैल को इंदौर के टाटपट्टी बाखल इलाके में कोरोना स्क्रीनिंग करने गयी स्वास्थ्यकर्मियों की टीम पर हमला किया गया था. जिसके बाद देश भर में घटना का विरोध हुआ था. कलेक्टर ने बाद में आरोपियों पर रासुका लगाकर उन्हें जेल भेज दिया था.

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