जयपुर। साल 2019 में धारा 370 हटाने के बाद जम्मू और काश्मीर के लोगों को स्पेशल राज्य का दर्जा भी स्वतः समाप्त हो गया था और वहां अन्य राज्यों की तरह ही वहां लोग रह सकते है और अपना घर व दुकान बना सकते हैं। इस धारा को लागू होने के साथ ही राज्य में एक संविधान व एक निशान( झंड़ा) का मार्ग प्रशस्त हो गया था। जम्मू को भारत के संविधान के तहत सभी कार्यों करना होंगा सभी कानून को मानना होगा औऱ काश्मीर के लिए कोई स्पेशल झंड़ा का प्रावधान नहीं होगा।
मोदी सरकार ने जमीन की खरीद-बिक्री कानून को भी लागू कर दिया है
वहां की विधानसभा छह साल के बजाय पांच साल के होंगे। वहीं मोदी सरकार ने कल राज्य में जमीन की खरीद-बिक्री कानून को भी लागू कर दिया है। जिसमें किसी भी जगह के लोग यहां आकर रह सकते है अपना व्यावसाय स्टार्ट कर सकते हैं।इस कानून के पास होने के बाद पीडीपी के नेता महबुबा मुफ्ती व नेशनल कांफ्रेस के नेता उमर अबदुल्ला ने विरोध किया और मोदी सरकार पर हमला बोला है। मुफ्ती ने कहा की पीएम मोदी चीन का नाम लेने से ड़रते है और यहां अपने लोगों की जमीन हड़प रह हैं।
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मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में जमीन की खरीद-बिक्री को मंजूरी दे दी दै। केंद्र सरकार के नए नियम के मुताबिक, अब कोई भी भारतीय नागरिक जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीद सकता है। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से ही महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी विरोध कर रही है। नए कानून के खिलाफ में पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के कार्यकर्ताओं ने आज यानी गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया है।
पीडीपी कार्यकर्ताओं के हिरासत में लिए जाने को लेकर महबूबा मुफ्ती का गुस्सा फूटा है। उन्होंने सरकार पर निशाना साधा है और कहा कि अगर इतनी ही ताकत है तो चीन को निकालो, जिसने लद्दाख की जमीन खाई है। पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘पीडीपी कार्यकर्ता शांतिपूर्वक भाजपा सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर की जमीन को लूटने के लिए पारित भूमि कानून के खिलाफ विरोध कर रहे थे।
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हमारे कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया और मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई। न तो सिविल सोसायटी और न ही राजनेता यहां बात कर सकते हैं, पूरे जम्मू-कश्मीर को जेल में बदल दिया गया है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘ये लोग जम्मू और कश्मीर के संसाधन लूट के ले जाना चाहते हैं। बीजेपी ने गरीब को दो वक्त की रोटी नहीं दी, वो जम्मू और कश्मीर में ज़मीन क्या खरीदेगा? दिल्ली से रोज एक फ़रमान जारी होता है, अगर आपके पास इतनी ताकत है तो चीन को निकालो जिसने लद्दाख की ज़मीन खाई है, चीन का नाम लेने से थरथराते हैं।’
लद्दाख में जमीन खरीदने के लिए ‘राज्य का स्थायी निवासी होने’ की शर्त को हटाया
दरअसल, पीडीपी कार्यकर्ता श्रीनगरम नए भूमि कानून और 6 एनजीओ और ट्रस्ट पर एनआईए की रेड के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने इन प्रदर्शनकारियों को हटने को कहा, जब वे नहीं मानें तो पुलिस ने दर्जनों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। बता दें कि केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में जमीन खरीदने के लिए ‘राज्य का स्थायी निवासी होने’ की शर्त को हटा दिया है।
गृह मंत्रालय का नोटिफिकेशन तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। केंद्र सरकार ने कहा है कि यह आदेश केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (केंद्रीय कानूनों का अनुकलन) तीसरा आदेश, 2020 कहा जाएगा। आदेश में कहा गया है कि सामान्य आदेश अधिनियम, 1897 इस आदेश की व्याख्या के लिए लागू होता है क्योंकि यह भारतीय क्षेत्र में लागू कानूनों की व्याख्या करता है।
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गृह मंत्रालय के नोटिफिकेशन पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए नेशल कांफ्रेंस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर अब बिक्री के लिए उपलब्ध है। उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया, ”जम्मू-कश्मीर के भू स्वामित्व कानून में अस्वीकार्य संशोधन किया गया है। डोमिसाइल के प्रतीकवाद को भी हटा दिया गया है और गैर कृषि योग्य जमीन की खरीद और कृषि जमीन के ट्रांसफर को आसान कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर अब बिक्री के लिए तैयार है और गरीब, कम जमीन के मालिकों को इसका नुकसान होगा।”