कोरोना जानलेवा तो है हि यह शरीर के कई अंगों को लकवा बनाने का कारण भी बन रहा हैं।एक शोध में पता चला हैं कि कोरोना वायरस शरीर के कई अंगों पर हमलावर भी हैं। श्वसन और पाचन तंत्र के अलावा यह तंत्रिकातंत्र पर भी अटैक कर रहा है। स्थिति यह है कि बुजुर्ग मरीजों को यह लकवाग्रस्त कर देता है। ऐसे में उम्रदराज लोगों का विशेष ध्यान रखना होगा।
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ.आरके गर्ग के मुताबिक, कोविड-19 बीमारी के मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र पर हो रहे दुष्प्रभावों के अब तक प्रमाणिक तथ्य नहीं थे। वहीं 10 अप्रैल को जनरल ऑफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में शोध प्रकाशित हुआ। चीन के वुहान में भर्ती 214 गंभीर मरीजों पर स्टडी हुई। इसमें 78 मरीजों में न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर पाया गया है। इन मरीजों में किडनी और लिवर के साथ-साथ तंत्रिकातंत्र संबंधी समस्याएं भी मिलीं।
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मस्तिष्क पर अटैक का कारण अज्ञात
डॉ.गर्ग के मुताबिक शोध में कोरोना वायरस के मस्तिष्क में अटैक का कारण फिलहाल अज्ञात है। यह वायरस सीधे दिमाग पर कहां से अटैक करता है, यह पहेली अभी है। मगर, संक्रमित मरीजों में एक तिहाई न्यूरोलॉजी डिसऑर्डर के शिकार हुए हैं। यह इलाज के दौरान डॉक्टरों को भी ध्यान रखना होगा।
नसों को कर देता डैमेज
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डॉ.गर्ग के मुताबिक 17 अप्रैल को न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसिन में शोध प्रकाशित हुआ। इसमें इटली के कोरोना मरीजों में पांच में जीबी सिंड्रोम बीमारी होना पाया गया है। गुलियन बैरे सिंड्रोम (जीबी सिंड्रोम) में व्यक्ति की एंटीबॉडी शरीर के खिलाफ काम करने लगती है। वह नर्व सिस्टम को डिस्ट्रॉय करने लगती है। ऐसे में मरीज का प्लाज्मा निकालकर फ्रेश प्लाज्मा चढ़ाया जाता है। ऐसे मरीजों की पहचान में देरी होने से व्यक्ति अपंग भी हो सकता है।
90 फीसद बुजुर्ग शिकार
डॉ.आरके गर्ग के मुताबिक कोरोना के गंभीर मरीजों में न्यूरो डिसऑर्डर के शिकार 90 फीसद बुजुर्ग हुए। इनकी उम्र 60 के ऊपर की रही। कुल मरीजों में 20 फीसद की मौत हो गई। वहीं 30 फीसद अपंगता से घिर गए। इसके अलावा भर्ती मरीजों में पक्षाघात, लकवा, बेहोशी व मांसपेशियों में क्षतिग्रस्त होना मिला।