चीन से दुनिया भर में फैला कोरोना वायरस ने अबतक 2 लाख से अधिक लोगों की जान ले ली हैं जबकि 30 लाख से अधिक लोग इस वायरस से संक्रमित हैं।सभी देश कोरोना वायरस को पूरी तरह से खत्म करने के लिए वैक्सीन बनाना में जुटे हुए हैं।भारत में भी कोरोना वायरस का कहर तेजी से बढ़ रहा हैं जिसको रोकने के लिए सरकार ने 3 मई तक देश में राष्ट्र व्यापी लाँकडाउन लिया हुआ हैं।लाँकडाउन से देश के कई विभिन्न भागों में कामगार मजदूर और छात्र फंसे गये थे। ये सभी लोग अपने-अपने घर जाने के लिए सरकार से कोई व्यवस्था करने की गुहार किये हैं,ये लोग परेशान हो कर पैदल ही अपने घर को जाते हुए देख गये हैं।दूसरी तरफ देश के अलग-अलग भागों में पढाई करने वाले छात्र भी फंसे गये थे वे भी अपने घर जाना चाहते हैं अभी हालहि में कोटा राजस्थान में पढ़ाई करने वाले छात्र भी अपने घर जाने के लिए अपने -अपने राज्य की सरकार से गुहार लगाये थे जिसके चलते यूपी की योगी सरकार ने अपने राज्य के छात्रों को लेजाने के लिए 300 बसे भेजी थी।इसी तरह की व्यवस्था अन्य राज्यों की सरकार ने अपने छात्रों को ले जाने के लिए सबें भेजी थी।
मजदूरो और छात्रों की परेशानी को देखते हुए आज गृह मंत्रालय ने लाँकडाउन के कारण कारण देश में कई लोग अपने घर से दूर दूसरी जगहों पर फंस गए है. इनमें प्रवासी मजदूर, तीर्थयात्री, पर्यटक और छात्र शामिल है. वहीं गृह मंत्रालय ने फंसे हुए लोगों के लिए नई गाइडलाइन जारी की है. नई गाइडलाइन के तहत फंसे हुए लोग अपने घर जा सकेंगे.
बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों की मांग के बाद गृह मंत्रालय ने अलग-अलग स्थानों पर फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, तीर्थयात्रियों, पर्यटकों और छात्रों की आवाजाही के लिए नई गाइडलाइन तैयार की है. नई गाइडलाइन के तहत फंसे हुए लोगों को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जा सकेगा.
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नई गाइडलाइन के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को अपने नोडल अधिकारी नियुक्त करने और ऐसे फंसे हुए व्यक्तियों को वापस भेजने और लेने के लिए एक एसओपी की तैनाती करनी होगी. नई गाइडलाइन के तहत एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने के इच्छुक लोगों के लिए राज्यों को आपस में बात करनी होगी.
वहीं एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजे जा रहे लोगों की जांच की जाएगी. जांच के बाद ही लोगों को आगे भेजा जाएगा. अपने गंतव्य पर पहुंचने पर ऐसे लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों के जरिए क्वारनटीन किया जाएगा. साथ ही इन सभी लोगों को आरोग्य सेतु ऐप के उपयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा.