विधानसभा सदस्यता रद्द की याचिका वापिस लेने पर,शिवपाल ने अखिलेश यादव को चिठ्टी लिखकर जताया आभार

On withdrawal of the petition for cancellation of the assembly membership, Shivpal expressed his gratitude by writing a letter to Akhilesh Yadav

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 से पहले समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के बीच पार्टी में वर्चस्व को लेकर विवाद हो गया था जिसके बाद अखिलेश यादव पार्टी के सर्वेसर्वा बन गये थे ।इस बात को लेकर अखिलेश और शिवपाल के बीच मतभेद हो गया और शिवपाल ने समाजवादी पार्टी छोड़कर 2017 में एक नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन कर लिया ।

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शिवपाल के अलग पार्टी बनाने के बाद समाजवादी पार्टी के नेता रामगोविंद चौधरी ने चार सितंबर, 2019 को दल परिवर्तन के आधार पर शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की थी. लेकिन सपा ने 23 मार्च 2020 को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर शिवपाल यादव के खिलाफ दलबदल कानून के तहत कार्रवाई करने की याचिका वापस लेने की मांग की थी, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने उसे स्वीकार करते हुए याचिका को वापस कर दिया. इसके बाद शिवपाल की विधानसभा सदस्यता खत्म होने से बच गई है.

इस बात से खुश होकर शिवपाल ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक पत्र लिखकर उनका आभार जताया और प्रशंसा करते हुए उनके नेतृत्व की सराहना भी किया।इस घटना से यह आकलन लगया जा रहा हैं शिवपाल की सपा में आने का रास्ता साफ हो गया हैं।चाचा और भतीजा के बीच पैदा हुई दुश्मनी की बर्फ अब धीरे- धीरे पिघलने लगी हैं।ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा हैं कि 2019 लोकसभा चुनवा में मिली हार और मायावती से गठजोड़ टुटने से पार्टी कमजोर हो गई थी और पार्टी के कई नेता पार्टी छोड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने लगे थे इसी बात को ध्यान में रख अखिलेश ने अपने निर्णय में बदलाव किया हैं।यदि शिवपाल पुन:समाजवादी पार्टी में शामिल होते हैं तो निश्चित ही अखिलेश को बहुत बड़ा फायदा आने वाले दिनों में मिल सकता हैं।

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