चिकित्सा सेवा का धर्म निभाने के लिए पिता से झुठ बोलकर कोरोना की जंग जीतने में सहयोग देने के लिए आगे आये,ये पीएचडी स्कॉलर छात्र

देश मे कोरोना वायरस फैल रहा हैं और प्रत्येक दिन कोरोना से संक्रमित लोगों की सख्या बढ़ने के साथ मौते भी बढ़ रही हैं।कोरोना के इस जंग को जितने के लिए डाँक्टर,नर्स,पैरामेडिकल स्टाम दिन -रात काम कर रहें हैं।कोरोना संक्रमितों की जांच, दवा,खाना-पीना और उनके हौसले को बनाये रखने में इन्ही लोगो का अहम योगदान होता हैं।इस संकट के समय में आज सबसे ज्यादा खतरा है तो इन्ही लोगों को हैं।

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कोरोना के इस युद्ध को जीतने में अपना अहम योगदान देने के लिए मेडिकल में पीएचडी स्काँलर कर रहे तेलंगाना के रामा कृष्णा चिकित्सा सेवा का धर्म निभाने के लिए अपने पिता से झुठ बोलकर कोरोना पीड़ितों की सेवा करने के लिए तेलंगाना से आकर लखनऊ में कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अपना अहम योगदान दे रहे हैं।

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रामा कृष्णा लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित माइक्रोबायोलॉजी लैब में कोरोना वायरस के सैम्पल की टेस्टिंग करने में मदद कर रहे हैं. पीएचडी स्कॉलर रामा कृष्णा तेलंगाना से विषम परिस्थितियों में लखनऊ के लिए चले थे. उस समय लॉकडाउन तो नहीं था, लेकिन सड़कों पर हालात वैसे ही था.रामा कृष्णा बताते हैं कि’जनता कर्फ्यू से एक दिन पहले मैं चला था, क्योंकि मेरी गाइड और प्रोफेसर अमिता मैम का फ़ोन आया था,

माता-पिता को बताया-जा रहे हैं हैदराबाद

इस दौरान रामा कृष्णा ने अपने मां-बाप से भी झूठ बोला कि वह शोध पत्र लिखने के लिए अपने मित्र के यहां हैदराबाद जा रहे हैं. हालांकि मां-बाप को अखबार में छपी खबर के जरिए पता चल गया कि उनका बेटा लखनऊ पहुंच गया है. रामा कृष्णा ने उसके बाद अपने मां बाप से बात की और सब कुछ बताया. मां बाप ने कहा कि अपना ख्याल रखना.




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