राजस्थान के अलवर जिले के किशनगढ़बास क्षेत्र में 13 बच्चों में गलघोंटू(डिप्थीरिया) होने से बीमार पड़ गये हैं।इन बीमार बच्चों में से एक बच्चे की मौत भी हालहि में हुई हैं जिसकी सूचना से चिकित्सा विभाग में हड़कंप मच गया।13 बच्चों में डिप्थीरिया के संदिग्ध लक्षण मिलने पर उनमें से गंभीर 4 बच्चों को अलवर के राजीव गांंधी सामान्य अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया गया हैं जहां उनका उपचार चल रहा हैं।चिकित्सा विभाग की टीम ने 6 बच्चों के सैंम्पल लेकर जांच के लिए पीजीआई चंडीगढ़ लेब में भेजा हैं।वहीं दूसरी ओर रामगढ़ के कोटा खुर्द गांव का एक डिप्थीरिया का संदिग्ध बच्चा जयपुर में भर्ती है जहाँ उसका उपचार चल रहा है।
आधा अधूरा टीका करण से चिकित्सा विभाग की खुली पोल,दोषियों पर होगी कार्र्वाई
अलवर जिले के किशनगढ़बास रामगढ़ तिजारा और लक्ष्मण क्षेत्र के मेवात में चिकित्सा विभाग की तरफ से किये जा रहे टीकाकरण पर सवाल खड़े होने लगे हैं क्योकि मेवात के नाहरपुर गांव में डिप्थीरिया के 13 बच्चे मिलने के बाद मंगलवार को चिकित्सा विभाग की टीम ने डोर टू डोर सर्वे के दौरान 444 बच्चों की स्क्रीनिंग किया जिसमें 142 बच्चों का टीकाकरण आधा अधुरा पाया गया।आधा अधूरा टीकाकरण करने वाले दोषी कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही जा रही हैं।
खतरनाक बीमारी हैं डिप्थीरिया रोग
चिकित्सा की भाषा में डिप्थीरिया रोग संक्रामक बीमारी हैं जिसकी चपेट में 2 वर्ष से लेकर 10 वर्ष की आयु के बच्चों आते हैं।लेकिन कुछ चिकित्सकों का माना हैं कि ये बीमारी छोटे-बड़े सभी आयु वालों को भी हो सकता हैं।डिप्थीरिया के वायरस गले के साथ स्वरतंत्र,नाक,आख व बाह्य जननेंद्रिय को प्रभावित करता हैं।इसके संक्रमण के बाद बुखार, सिर और बदन दर्द, गले में दर्द की दिक्कत होती है।