राजधानी पटना के मछुआ टोली में कोचिंग चलाने वाले और कोचिंग के बदले में गरीब बच्चों से सिर्फ एक रुपये लेने वाले और दो बार आईएएस के इंटरव्यू में असफल रहे डां. मोहम्मद रहमान के जिवनी पर अभिनेता सुनिल शेट्टी की प्रोडक्शन हाऊस एक फिल्म बना रही हैं। जिसे इस साल से अंत में यह फिल्म रिलीज होगी।
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डां. रहमान बताते है कि मेरा जीवन बेहद गरीबी में गुजरा मेरे पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं था इस लिए अच्छी शिक्षा और अच्छी कोचिंग नहीं ले पाया और दो बार आईएएस के इंटरव्यु में असफल हो गया उसी दिन से मैने प्रण कर दिया की पढ़ाई के रास्ते में किसी छात्र के लिए गरीबी को रोड़ा नहीं बनने दूंगा। इसके चलते मैं राजधानी पटना के मछुया टोली में कोचिंग क्लास खोला। शुरुआत में सिर्फ 10- 12 बच्चे कोचिंग में आते थे। 1998 में एक लड़के का चयल युपीएससी में हुआ तो यह बात लोगों में फैल गई कि एक सर ऐसे है जो बिना फीस के ही आईएएस की तैयारी कराते है। इसके बाद गांव-गांव छात्र पढ़ने आने लगे। 22 साल में उन्होंने 40 से ज्यादा बच्चे यूपीएससी मे,चार सौ से ज्यादा बच्चे बीपीएससी में और चार हजार से ज्यादा बच्चे इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर में सलेक्ट हो चुके है। 2007-08 के बैच में एक लड़की का चयन भी उन्ही के कोचिंग से हुआ जो आज प्रधान मंत्री सुरक्षा सलाहकरा बोर्ड में कार्यरत हैं।डां. रहमान अपने कोचिंग में 27 ऐसे बच्चों रखते है जो बेहद गरीब है जिनका कोई सहारा नहीं हैंउनके पालन-पोषण से लेकर पढ़ाई और सभी तरह की जिम्मेदारियां उठाता हुं।
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22 साल हो गए, कभी किसी से फीस नहीं मांगी। जो बच्चे सफल होकर निकले और आज ऊंचे पदों पर बैठे हैं, वे आर्थिक तौर पर मदद करते है। उनका एक सपना है कि भविष्य में गुरुकुल संस्था खोलूं जहां गरीब और असहाय बच्चों को मुफ्त शिक्षा के साथ उनका पालन-पोषण भी हो। गुरुकुल में वैसे बच्चे रहें जिनका इस दुनिया में कोई सहारा नहीं है। कोचिंग से निकले बच्चों से जब वो बात करते है तब कहता है कि आप सब मेरे इस सपने को साकार करने में मदद करना।