उत्तर प्रदेश के कानपुर में गैंगस्टर विकास दुबे को यूपी एसटीएफ ने शुक्रवार सुबह मार गिराया. माना जा रहा था कि विकास दुबे के पकड़े जाने से कई बड़े नामों का खुलासा हो सकता है. क्योंकि विकास के संबंध राजनेताओं और पुलिस के लोगों से भी थे. जिसकी तस्वीर समय-समय पर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी. लेकिन मुठभेड़ में उसके मारे जाने से अब लगता है सफेदपोशों के राज़ से पर्दा न उठ सकेगा. कानपुर कांड से लेकर उसके सियासी लिंक और पुलिस से नेक्सस पर भी खुलासे हो सकते थे. लेकिन अब ये मुश्किल होगा. विकास दुबे से पहले उसके 5 गुर्गे ढेर किये जा चुके हैं.
यूपी केमोस्ट वाँन्टेड अपराधी विकास दुबे को उज्जैन में गिरफ्तार किया गया था. मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे यूपी पुलिस को सौंप दिया था. उसे सड़क मार्ग से यूपी एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी. इससे पहले उज्जैन के महाकाल मंदिर में गुरुवार को एक व्यक्ति खुद को यूपी का मोस्ट वॉन्टेड अपराधी विकास दुबे बताने लगा था. बताया जा रहा है कि महाकाल मंदिर परिसर में पहुंच कर यह शख्स चिल्ला-चिल्ला कर ख़ुद को विकास दुबे बता रहा था. उसे फौरन मंदिर परिसर में तैनात सुरक्षा गार्ड ने पकड़ लिया और पुलिस को इसकी सूचना दी थी. जिसके बाद महाकाल थाना पुलिस उसे गाड़ी मे बैठाकर कंट्रोल रूम की तरफ रवाना हो गयी. पुलिस ने जब शख्स को पकड़ा तो चिल्लाने लगा- मैं विकास दुबे हूं कानपुर वाला. म
बता दें कि 2 जुलाई की रात विकास दुबे ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर दबिश देने पहुंची पुलिस टीम पर हमला किया था. इस हमले में क्षेत्राधिकारी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे. इस घटना के बाद विकास दुबे अपने गुर्गों के साथ फरार हो गया था. 9 जुलाई को ही उज्जैन के महाकाल मंदिर के बाहर से विकास दुबे को पकड़ लिया गया. उसे कानपुर पुलिस और एसटीएफ की टीम कानपुर ला रही थी, तभी गाड़ी पलट गई और विकास दुबे हथियार छीनकर भागने लगा. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में विकास दुबे भी मारा गया है.