जयपुर। मध्य प्रदेश के उपचुनाव से पहले राज्य में एक बार फिर सियासी कश्मकश जारी है। जबतक ये चुनाव नहीं हो जाते और परिणाम नहीं आ जाते इस प्रकार के बवंडर आते रहेंगे। नेता एक दुसरे पर लगातार गंभीर आरोप लगा रहे हैं।
एक ओर कमलनाथ ने भाजपा के विधायक इमरती देवी को आईटम कह दी तो दुसरी तरफ भाजपा के एक कद्दावर नेता ने कांग्रेस नेता की पत्नी के उपर आपत्तीजनक टिप्पणी की जिससे राज्य में सियासी भुचाल आ गया है। वहीं दुसरी ओर मध्य प्रदेश के सियासी अखाड़े में हाई कोर्ट की भी एन्ट्री हो गई है और राज्य के वर्तमान सरकार को नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा है।
मध्य प्रदेश में होने वाले उप-चुनाव (MP By-Election) से पहले एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी के मुताबिक यहां सीएम शिवराज कैबिनेट के 14 मंत्रियों को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने नोटिस (Notice) जारी किया है। इस्तीफा देने वाले 14 विधायकों को मंत्री बनाए जाने के मामले में छिन्दवाड़ा की अधिवक्ता आराधना भार्गव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है।
याचिकाकर्ता ने इस प्रक्रिया को अनुचित बताया है। साथ ही याचिकाकर्ता ने सरकार के इस कदम कोअसंवैधानिक भी बताया। भार्गव ने कहा कि सरकार का ये कदम आर्टिकल 164(4) का उल्लंघन है। जिसके बाद याचिका में सभी 14 मंत्रियों के पद से निलंबन की मांग कि गयी है। जानकारी के मुताबिक 14 दिसंबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी। इस मामले में मध्य प्रदेश के राज्यपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, विधानसभा अध्यक्ष और निर्वाचन आयोग समेत 14 मंत्रियों को नोटिस जारी हुए हैं।
BJP नेता पर एफआईआर दर्ज
वहीं मध्य प्रदेश में उपचुनाव में सभी 28 सीटों पर जीत के लिए राजनीतिक दल जोर आजमाइश कर रहे हैं। इसके तहत ही इंदौर में बीते सोमवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का रोड शो सांवेर तहसील में हुआ। इस रोड शो में सोशल डिस्टेसिंग के अलावा मास्क व अन्य जरूरी दिशा निर्देशों का उल्लंघन करते बीजेपी नेता दिनेश भावसार पाए गए। इसके बाद प्रशासन ने दिनेश भावसार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
नेताओं की फिसली जुबान
मध्य प्रदेश में उपचुनाव के प्रचार के दौरान नेताओं की जुबान भी फिसल रही है। पूर्व सीएम व प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने एक सभा के दौरान मंत्री इमरती देवी को आइटम कह दिया। कमलनाथ के इस बयान के बाद सियासी भूचाल आ गया।
सीएम शिवराज व बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के इस बयान की निंदा की और 1 घंटे का मौन व्रत रखा। इसके अलावा कमलनाथ पर जमकर जुबानी तंज भी कसे गए। फिर आखिरकार कमलनाथ ने बयान पर अपनी सफाई दी और कहा कि उनका उद्देश्य किसी की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था।