राजस्थान में गहलोत सराकर के मंत्रीमण्डल में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिलने के कारण गत दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के बीच सियासी घमासान के तहत एक दुसरे पर आरोप -प्रत्यारोप लगाये और सरकार गिराने की शाजिस की गई जिसके कारण कांग्रेस हाई कमान ने डिप्टी सीएम सचिन पायलट को पार्टी के सभी पदों से मुक्त कर दिया था।प्रियंका गांधी के प्रयासों से पुनः सचिन पायलट की पार्टी में वापसि हुई।इसी संकट को खत्म करने केलिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के 17 जिलों के मंत्रियों को मंत्रीमण्डल विस्तार में जगह देने का निर्णय लिया हैं।मौजूदा मंत्रीमण्डल में कुल 22 मंत्री है। इनमें तीन जिले ही ऐसे हैं, जिनमें एक से अधिक मंत्री हैं। सर्वाधिक जयपुर से 3 मंत्री हैं। बीकानेर, भरतपुर और दौसा से दो-दो मंत्री हैं। शेष 13 जिलों से एक-एक मंत्री हैं। राज्य में कुल 30 सदस्यों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सकती है। फिलहाल 22 सदस्य हैं। ऐस में 8 और विधायकों को गहलोत मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है।
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17 जिलों की भागीदारी
जयपुर, जोधपुर, बीकानेर, कोटा, दौसा, चूरू, अजमेर, बांरा, बाड़मेर, चित्तौडगढ़़, जैसलमेर, सीकर, बांसवाड़ा, जालौर, बूंदी, अलवर, भरतपुर
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इन जिलों की हिस्से दारी खत्म
सत्ता संघर्ष के चलते सचिन पायलट ,रमेश मीना और विश्वेन्द्र सिंह को मंत्रीमण्डल से हटने के बाद टोंक, करौली और भरतपुर जिलों की हिस्से दारी खत्म हो गई वही भरतपुर में 3 मंत्री थे लेकिन अब 2 हो गई हैं।
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