लद्दाख बाँर्डर पर 13 जून को भारत-चीन की सेना द्वारा गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के 20 जवान बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हो गये थे।इस हिंसक झड़प में भारतीय सैनिकों ने भी चीनी सेना के 43 जवानों का मार गिराया था।जिसको लेकर भारत -चीन के बीच युद्ध की स्थिति उत्पन्न हो गई थी लेकिन दोनों देशों के राजनयिकों के बीच हुई बातचीत से थोड़ा मामला शांत हुआ हैं।अभी भी दोनों देशों के सैनिक कमांडरो्ं के बीच गलवान घाटी में उपस्थित सैनिकों को पूर्व स्थिति में वापिस जाने पर बातचीत जारी हैं।इसी मुद्दों पर बातचीत करने के लिए इंडिया टुडे ई-माइंड राँक्स ने एक मंच का आयोजन किया था जिसमें रक्षा विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया था। लद्दाख में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव पर लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कहा कि विवाद की स्थिति में LAC पर ज्यादा जवानों को तैनात करने की जरूरत है।
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पाकिस्तान में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल डी.एस. हुड्डा ने कहा कि अगर चीन लड़ाई करने के लिए आता है तो हमें LAC पर मौजूदा टुकड़ियों की दो या तीन गुना ज्यादा जवानों की जरूरत होगी. अब स्थिति चीन के बर्ताव पर निर्भर करता है कि वह कैसा बर्ताव करता है.लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) डीएस हुड्डा ने कहा कि चीन से बात करना एक चूनौती है. यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच समझौता कैसे होता है? चीन किस तरह से पीछे हटेगा, यह देखना होगा. हमे देखना होगा कि चीन किस तरह से बर्ताव करता है. हमें यह भी देखना होगा कि क्या चीन शांति व्यवस्था स्थापित करने की सोच के साथ काम करने आ रहा है.
नॉर्दन कमांड संभाल चुके डीएस हुड्डा ने कहा कि एलएसी पर माहौल बदल चुका है. लेकिन अतीत में जिन सिद्धांतों पर हम बात करते थे वो पूरी तरह से बदल चुका है. हम उन्हें (चीन) आसानी से नहीं लेना चाहिए.