देश में डाँक्टरों ,नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ पर हो रहे हमले से देश के प्रत्येक नागरिक और सरकार चिंतित नजर आ रही थी। डाँक्टर और स्वास्थ विभाग अपने उपर हो रहे निरंतर हमलों से बहुत चिंतित था।उनकी सुरक्षा को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आज ही एक बड़ा विरोध प्रदर्शन करने जा रही थी लेकिन गृहमंत्री अमित शाह से बातचीत में सुरक्षा का पूर्ण भोरोसा मिलने के बाद उनंहोंने आज का प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
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गृहमंत्री अमित शाह में मिले सुरक्ष आश्वासन के बाद बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कोरोना वॉरियर्स और हेल्थ वर्कस की सुरक्षा को लेकर नए अध्यादेश लाया गया।सरकार ने कहा कि देश में स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
केंद्रीय कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कई जगह डॉक्टरों के खिलाफ हमले की जानकारी आ रही थी उसी को ध्यान में रखकर सरकार इसके लिए एक अध्यादेश लाई है. इसके तहत कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.
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एक नजर डालते हैं अध्यादेश पर:
- सरकार की ओर से महामारी रोग अधिनियम में संशोधन के लिए नया अध्यादेश लाया गया है.
- अब कोरोना वॉरियर्स पर का हमला गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में आएगा.
- इस पूरे मामले की 30 दिनों में जांच पूरी होगी और एक साल में फैसला आएगा.
- हमले के मामले में 3 महीने से 5 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है.
- घटना की गंभीरता के आधार पर 50, 000 से 2 लाख तक का जुर्माना लगेगा.
- गंभीर मामले में 6 महीने से 7 साल तक की कैद की सजा सुनाई जा सकती है.
- गंभीर मामले में 1 लाख से 7 लाख तक जुर्माने का प्रावधान होगा.
- कोरोना वॉरियर्स के वाहन और क्लिनिक के नुकसान के मामले में आरोपियों से मुआवजे के रूप में बाजार मूल्य की दोगुनी दर ली जाएगी