कोरोना महामारी से सभी डरे हुए हैं क्योंकि दुनिया में 90 लाख लोगों इस वायरस की चपेट में हैं और 4 लाख से अधिक मौते अभी हो चुकी हैं भारत में इस वायरस ने तो तुफान मचा रखा हैं।अबतक 4.25 लाख लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके और 13,699 ने अपनी जान गवा चुके हैं।इस तरह हो रहा संक्रमण और मौतें से बच्चों के अभिभावक चिंतित नजर आ रहे हैं क्योंकि देश के अधिकांश राज्यों मे 10वीं, 12वी की बोर्ड एग्जाम नहीं हुई है या कुछ पेपर कोरोना लाँकडाउन की वजह से रोक दी गई थी अब शेष रह रहे हैं पेपर को दुबार शुरु करने की योजना बना रहे हैं।इसी के मध्य CBSE ने भी 12वीं के रह रहे हैं पेपर की एग्जाम कराने की सोच रहा हैं लेकिन देश में कोरोना प्रकोप का कहर तेजी से फैल रहा हैं।इस बात से चिंतित होकर विद्यार्थियों के अभिभावकों ने CBSE द्वारा शेष पेपर कराये जाने की घोषणा के बाद एग्जाम को निरस्त करने के लिए एक याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर किये हैं।इस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मानव संसाधन मंत्रालय को निर्देश दिया कि बोर्ड से परीक्षा को कैंसिल करने और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर अंक देने पर विचार करने को कहा हैं. जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने इस मामले में बोर्ड से 23 जून तक फैसला लेने का समय दिया हैं।
बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट को दी थी जानकारी
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड,सीबीएसईCBSE) की ओर से पेश वकील ने जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को इससे पहले वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई के दौरान कहा था कि इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा. बोर्ड ने इस मामले की सुनवाई को स्थगित करने का अनुरोध किया था ताकि इस विषय पर उसके फैसले से कोर्ट को अवगत कराया जा सके. पीठ ने बोर्ड के वकील के कथन का संज्ञान लेते हुये इस संबंध में दायर याचिका पर सुनवाई 23 जून तक के लिये स्थगित कर दी.
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जेईई मेन्स और नीट परीक्षा को लेकर भी हो सकता है फैसला
सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं की बची परीक्षाओं सहित अन्य परीक्षाएं जैसे जेईई मेंस और नीट की प्रस्तावित परीक्षाओं को लेकर भी मंत्रालय जल्द निर्णय ले लेगी. मंत्रालय के एक अधिकारी ने न्यूज 18 हिंदी के साथ बातचीत में कहा है