महिलाओं में लगातार बढ़ रहा हैं सर्वाइकल कैंसर का खतरा:जानिए बचाव व उपाय

कैंसर का नाम लेते ही सांसे चलने लगती हैं। कैंसर की जानकरी ही बचाव हैं यदि समय रहते  इस बीमारी के बारे में पता चल जाता है तो इलाज से ्इस बीमारी  को ठीक किया जा सकता हैं। कैंसर किसी भी आयु वर्ग के महिला और पुरुष दोनों में किसी को भी हो सकता हैं। लेकिन महिलाओं में कैंसर के कई प्रकार देखने को मिल रहा हैं। कैंसर में सर्वाइकल कैंसर आज महिलाओं की बहुत बड़ी समस्या बन गया हैं। एक अनुसंधान से पता चला हैं कि 30 से 49 साल की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का खचरा ज्यादा बढ रहा हैं। वर्ष 2018 में 60 हजार महिलाएं सर्वाइकल कैंसर से मौत हुई थी। सर्वाइकल कैंसर का कारण एचपीवी संक्रमण है. यह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस के कारण होता है. यह योनि के निचले हिस्से में पाया जाता है. आमतौर पर स्वस्थ महिलाओं में यह वायरस खुद ही बाहर हो जाता है, लेकिन कई महिलाओं में यह बना रह जाता है जिसके कारण उन्हें सर्वाइकल कैंसर होता है.

सर्वाइकल कैंसर होने के कारण:

सर्वाइकल कैंसर होने के प्रमुख कराणों में अपर्याप्त स्वच्छता, असुरक्षित यौन संबंध, गर्भ निरोधक गोलियों का लंबे समय तक उयोग, धूम्रपान, ज्यादा बच्चों का होना और अनियंत्रित मधुमेह.

लक्षण:

सर्वाइकल कैंसर के प्रमुख लक्षण हैं मासिक धर्म के पश्चात भी रक्तस्राव, शारीरिक संबंध के बाद रक्तस्राव, मेनोपॉज के बाद रक्तस्राव, कमर तथा पीठ में दर्द एवं मूत्र मार्ग में संक्रमण.

इलाज:

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सर्वाइकल कैंसर अगर प्रारंभिक अवस्था में हो, तो इसका इलाज सर्जरी और रेडिएशन थेरेपी के जरिये हो सकता है. ऐसे मामलों में पीड़ित की जान 80-90 प्रतिशत तक मामलों में बचायी जा सकती है. कैंसर ऐसे बीमारी है, जिसके इलाज से बेहतर है इसकी रोकथाम करना हैं।

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