आज देश में ईद उल अजहा का त्यौहार बड़ हर्षो उल्लास से मनाया जा रहा हैं।लोगों ने मस्जिदों में ईद की विशेष नमाज अदा कर देश में अमन चैन की दुआएं मांगी।हालांकि कोरोना वैश्विक महामारी के कारण लोगों को पूरी सावधानी के साथ बाहर निकलना पड़ रहा हैं।इसी वजह से लोग मस्जिदों में कम लोग पहुंच रहे हैैं और अपने घरों में ही रह कर नमाज अदा कर रहे हैं जो लोग मस्जिदों में नमाज अदा करने जा रहें उनका तापमान और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी नियमों का पालन कराया जा रहा हैं। इस बार कोरोना वायरस के संक्रमण की वजह से कुर्बानी और मस्जिदों में नमाज पढ़ने को लेकर सरकार की ओर से भी कुछ गाइडलाइंस जारी की गई हैं।
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यही वजह है कि ज्यादातर मस्जिदों में कम लोग इकट्ठा हुए. देश की राजधानी दिल्ली की जामा मस्जिद में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए आज सुबह ईद की नमाज अदा की गई. इस दौरान कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए नमाज पढ़ने आने वाले लोगों के शरीर के तापमान की भी जांच की गई.
गौरतलब है कि परंपरागत तौर पर ईद उल अज़हा के दिन जानवरों की जो कुर्बानी दी जाती है, उसके मांस का एक हिस्सा गरीबों और जरूरतमंदों में बांट दिया जाता है, वहीं बाकी हिस्सा परिवार के सदस्यों और रिश्तेदारों के लिए रखा जाता है. कुर्बानी का सिलसिला तीन दिन तक जारी रहता है. ईद-उल फितर के बाद ईद-उल-अजहा मुसलमानों का दूसरा सबसे बड़ा त्योहार है. दोनों ईद पर मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की जाती है. जहां ईद-उल फितर पर सेवइयां, शीर खुरमा बनाने का रिवाज है और इसे मीठी ईद भी कहा जाता है. वहीं ईद-उल अज़हा पर बकरे, भेड़ आदि जानवरों की कुर्बानी दी जाती है और कुछ लोग इसे बकराईद के नाम से भी जानते हैं.