आज हम आपको सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में बता रहे हैं जिससे कि आप अपनी बिटिया का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकें
नई दिल्ली-रमण कुमार। जनवरी में प्रधानमंत्री मोदी ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ कैंपेन के तहत सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी। पिछले बजट में वित्त मंत्री ने घोषणा की कि इस योजना पर मिलने वाला ब्याज टैक्स फ्री होगा।
बेटी की हायर एजुकेशन और शादी के लिए पैसा जमा करने के लिए हालांकि पीपीएफ और आरडी जैसे तरीके भी हैं, लेकिन यह योजना उन पर भारी पड़ती है। आज हम आपको इस सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में बता रहे हैं जिससे कि आप आसानी से
इस योजना का फायदा उठा सकें और अपनी बिटिया का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकें।
बेटी की हायर एजुकेशन और शादी के लिए पैसा जमा करने के लिए हालांकि पीपीएफ और आरडी जैसे तरीके भी हैं, लेकिन यह योजना उन पर भारी पड़ती है। आज हम आपको इस सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में बता रहे हैं जिससे कि आप आसानी से
इस योजना का फायदा उठा सकें और अपनी बिटिया का सुनहरा भविष्य सुनिश्चित कर सकें।
क्या है योजना?
पीएम नरेंद्र मोदी ने सुकन्या समृद्धि योजना की शुरूआत 4
दिसंबर, 2014 को थी। यह एक लॉन्ग-टर्म डेट स्कीम है, जिसमें कोई भी शख्स बेटी के जन्म से लेकर उसके 10 साल की हो जाने तक कभी भी अकाउंट खुलवा सकता है। यह अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है।
यह अकाउंट बच्ची के 21 साल की होने तक जारी रहेगा।
दिसंबर, 2014 को थी। यह एक लॉन्ग-टर्म डेट स्कीम है, जिसमें कोई भी शख्स बेटी के जन्म से लेकर उसके 10 साल की हो जाने तक कभी भी अकाउंट खुलवा सकता है। यह अकाउंट बैंक या पोस्ट ऑफिस में खुलवाया जा सकता है।
यह अकाउंट बच्ची के 21 साल की होने तक जारी रहेगा।
बेटी की पढ़ाई व शादी की टेंशन होगी दूर
खाता खुलवाने के समय 1000 रुपए की जरूरत होगी।
जो कैश, चैक, और ड्राफ्ट में जमा हो सकते हैं। यह योजना बालिका के जन्म से लेकर शादी करने तक परिजनों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। यह योजना घटते लिंगानुपात के बीच कन्या जन्म दर को प्रोत्साहन देने में मदद करेगी। मां-पिता की बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए पैसे की टेंशन दूर करने में मदद करेगी।
जो कैश, चैक, और ड्राफ्ट में जमा हो सकते हैं। यह योजना बालिका के जन्म से लेकर शादी करने तक परिजनों को आर्थिक मजबूती प्रदान करती है। यह योजना घटते लिंगानुपात के बीच कन्या जन्म दर को प्रोत्साहन देने में मदद करेगी। मां-पिता की बेटी की पढ़ाई व शादी के लिए पैसे की टेंशन दूर करने में मदद करेगी।
इन चीजों की होगी जरूरत
खाते के लिए लड़की का जन्म प्रमाणपत्र, अभिभावक का पहचान प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण-पत्र की आवश्यकता होगी। यह खाता पोस्ट ऑफिस और केंद्र सरकार द्वारा अधिकृत किसी भी बैंक( भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, आंध्रा बैंक, यूसीओ बैंक और इलाहाबाद बैंक) में खोला जा सकेगा।
देनी होगी इतनी रकम
माता-पिता दोनों, या फिर दोनों में से एक अथवा दोनों के न होने की स्थिति में कानूनी अभिभावक पैसा जमा कर सकते हैं। कम से कम 1 हजार रुपए से अकाउंट खुलवाया जा सकता है। साल में 1 हजार रुपए और अधिकतम डेढ़ लाख रुपए जमा कराए जा सकते हैं। किसी साल मिनिमम जमा नहीं करा पाते हैं तो अगले साल पिछले साल की ड्यू रकम के अलावा 50 रुपए पेनल्टी देनी होगी। खाता खोलने से 14 साल तक इस स्कीम में पैसा जमा कराना होगा। 14 साल पूरे होने से पहले ही बच्ची 21 साल की हो जाती है तो भी खाता बच्ची के 21 साल की होने पर ही बंद हो जाएगा। अकाउंट में 1 हजार से डेढ़ लाख के बीच कितनी भी रकम साल में जमा करा सकते हैं।
इतने पैसे मिलेंगे वापस
जब बच्ची 21 साल की हो जाएगी तो यह योजना मैच्योर होगी। उस वक्त उसे पैसा मिलेगा। हां, बच्ची की हायर एजुकेशन और शादी के लिए समय से पहले भी पैसा निकाला जा सकता है। बच्ची की उम्र 18 साल होने के बाद 50 फीसदी पैसा निकाल सकते हैं। मान लीजिए 2015 में कोई शख्स 1000 रुपए महीने से अकाउंट खोलता है यानी हर साल 12 हजार रुपए अकाउंट में डालता है। उसे 14 साल तक यानी 2028 तक हर साल 12 हजार रुपए डालने होंगे। अगर यह माना जाए कि उसे हर साल 9.1 फीसदी की दर से ब्याज मिलता रहेगा तो जब बच्ची 21 साल की होगी तो उसे मिलेंगे 6,07,128 रुपए। यहां आपको बता दें कि इस शख्स के द्वारा 14 साल में जमा किया गया कुल मूलधन 1,68,000 रुपए ही है। इसके अलावा बाकी की रकम ब्याज की है। जाहिर है, इससे ज्यादा रकम हर साल जमा करने वाले लोगों को इसी अनुपात में मैच्योरिटी का अमाउंट बढ़कर मिलेगा।
टैक्स में मिलेगी छूट
इस योजना में किए गए इन्वेस्टमेंट को 80 सी में शामिल किया जाएगा। ऐसा फाइनेंशियल इयर 2015-16 से होगा। 80 सी में छूट की अधिकतम सीमा डेढ़ लाख है। खास बात यह है कि मैच्योरिटी पर मिलने वाली रकम पर भी कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा। फाइनेंशियल इयर 2014-15 के लिए इस पर 9.1 फीसदी की सालाना दर से ब्याज मिलेगा। ब्याज की दर हर साल के लिए अलग से घोषित की जाएगी।
इतनी बच्चियों का खुल सकता है खाता
एक बच्ची के नाम पर एक ही खाता खुल सकेगा। और एक परिवार की अधिकतम दो बच्चियों के नाम पर ये खाता खुल सकेगा। ल
ेकिन, यदि एक बार में तीन बच्चियां जन्म लें, या फिर एक बच्ची पहले से हो और फिर जुड़वां बच्चियां हों, इस सूरत में तीनों बच्चियों के नाम एक-एक खाता खुलवाया जा सकेगा। इस योजना को खाता खुलने के 21 साल बाद ही बंद किया जा सकेगा। अगर 21 साल होने से पहले बच्ची की शादी हो जाए तो खाते को पहले ही बंद करवाना पड़ेगा। शादी न होने की सूरत में खाते को 21 साल के बाद भी जारी रखा जा सकेगा।
ेकिन, यदि एक बार में तीन बच्चियां जन्म लें, या फिर एक बच्ची पहले से हो और फिर जुड़वां बच्चियां हों, इस सूरत में तीनों बच्चियों के नाम एक-एक खाता खुलवाया जा सकेगा। इस योजना को खाता खुलने के 21 साल बाद ही बंद किया जा सकेगा। अगर 21 साल होने से पहले बच्ची की शादी हो जाए तो खाते को पहले ही बंद करवाना पड़ेगा। शादी न होने की सूरत में खाते को 21 साल के बाद भी जारी रखा जा सकेगा।
दूसरी जगह भी शिफ्ट हो सकता है खाता
कन्या की मृत्यु हो होने कि स्थिति में, डेथ सर्टिफिकेट जमा करने के बाद ही ये खाता बंद किया जाएगा। इस सूरत में खाते का बैंलेंस के साथ ब्याज का भुगतान परिजनों को किया जाएगा।
कन्या एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने की सूरत में खाते को दूसरी जगह स्थानांतरित करना भी संभव होगा। जब कन्या की उम्र 18 साल की हो जाएगी। तो जमा राशि का 50 फीसदी राशि शादी या शिक्षा के लिए निकाला जा सकेगा।
कन्या एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने की सूरत में खाते को दूसरी जगह स्थानांतरित करना भी संभव होगा। जब कन्या की उम्र 18 साल की हो जाएगी। तो जमा राशि का 50 फीसदी राशि शादी या शिक्षा के लिए निकाला जा सकेगा।