लाकडाउन में फंसे प्रवासी मजजूरों की घर वापसि पर विचार:केंद्र सरकार कुछ शर्तों के साथ लेगी फैसला

वैश्विक महामारी कोरोन को फैलने से रोकने के लिए केंद्र सरकार ने दो चरणों में 40 दिन के लिए लिया लाँकडाउन लिया था जिसकी अवधि 3 मई को समाप्त हो रही हैं।इस बात को ध्यान में रखकर लाँकडाउन में फंसे प्रवासी मजदूरों को घर फैजने के लिए केंद्र सरकार कुछ शर्तों के साथ फैसला लेने जा रही हैं।उत्तर प्रदेशऔर मध्य़ प्रदेश सरकार ने पहले ही अन्य राज्यों में फंसे मजदूरों को लाने का फैसला ले लिया था।सूत्रों के मुताबिक मजदूरों को सीधे घर नहीं भेजा जाएगा. कहा जा रहा है कि अपने राज्य पहुंचने के बाद सबसे पहले इन्हें किसी खास जगह पर क्वारंटीन किया जाएगा. इसके बाद इन सबको अपने-अपने गांव भेजा जाएगा. बता दें कि लॉकडाउन लागू होने के बाद घर जाने की उम्मीद में ये सारे मजदूर दिल्ली और मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर हजारों की संख्या में जमा भी हुए थे.

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रेलमंत्री को लिखी चिट्ठी
पिछले दिनों महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार ने इन मजदूरों की मदद के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल को चिट्ठी लिखी थी. उन्होंने रेलमंत्री से गुजारिश किया है कि लॉकडाउन में महाराष्ट्र के अलग-अलग शहरों में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घर वापस भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाई जाएं. ये ट्रेनें पुणे और मुंबई से चलाने की मांग की गई है.

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