लाँकडाउन के चलते देश के कई हिस्सों में छात्र और मजदूर फंस गये थे क्योंकि लाँकडाउन में सभी तरह के यातायात को बंद कर दिया गया और सभी लोगों को कहा गया कि जो जहां है वह वही रहे किसी को आने जाने की इजाजत नहीं दी जायेगी।इस घोषणा का पालन करते हुए कई छात्रों और मजदूरो को खाने पीने और रहने की समस्या होने लगी थी।
ये सभी लोग अपने घर जाने के लिए कई बार सरकार से गुहार लगा चुके थे।केंद्र सरकार ने लाँकडाउन को दो हप्ते के लिए बढ़ाया तब 4 मई को तीसरे लाँकडाउन को बढ़ाकर 17 मई कर दिया गया।इस बार लिये गये तीसरे लाँकडाउन में कुछ पाबंदियों में ढ़ील देने के साथ अर्थव्यवस्था को खोलने का निर्णय लिया गया।इसी निर्णय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि फंसे मजदूरों और छात्राओं के लिए स्पेशल ट्रेन चलाई जायेगी।इस घोषणा के बाद पहले प्रवासी मजदूरों के लिए हैदराबाद से झारखण्ड के बीच स्पेशल ट्रेन चलाई गयी।उसके बाद राजस्थान के कोटा से 1150 छात्र-छात्राओं और बंगलुरू से 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन बिहार के दानापुर पहुंची।
जैसे ही ट्रेन स्टेशन पर पहुंची छात्रोँ को एलाउंस कर कहा गया की कोई भी गेट से बाहर नहीं उतरेगा। उसके बाद सभी की स्क्रीनिंग करने के बाद सभी को बसों में बैठाकर उनके घरों को भेजा गया।सभी का स्वागत खुद डीएम कुमार रवि और एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने किया।
बंगलुर से 1200 मजदूरों को लेकर ट्रेन पहुंची दानापुर
वही मंगलवार को 1200 मजदूरों को लेकर स्पेशल ट्रेन बंगलुरु से दानापुर पहुंची।इन मजदूरों को अलग-अलग जिलों में भेजने के लिए रेलवे स्टेशन के बाहर बिहार पथ परिवहन निगम की बसें लगी हुई थी। बसों से उन्हें संबंधित जिलों में भेज दिया गया।