सोमवार को चीनी सेना द्वारा एक्चुअल लाइन आँफ कंट्रोल रेखा को बदलने की कोशिश करने पर भारतीय सेना द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हो गई ।इस हिंंसक झड़प में दोनों तरफ की सेनाओं को नुकसान हुआ हैं।जिसमें भारत के 20 सेनिक शहीद हुए जबकि चीनी सेना के 35 जवान भी इस झड़प में मारे गये हैं।लेकिन चीनी अधिकारियों की तरफ से कोई अधिकारीक तौर पर कोई घोषड़ा नहीं हुई हैं।वही भारतीय व अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है कि चीन के करीब 35 से ज्यादा सैनिक इस झड़प में हताहत हुए हैं।
यूएस न्यूज में छपी एक खबर के अनुसार, अमेरिका इस पूरी स्थिति पर काफी गंभीरता से नज़र बनाए हुए है. भले ही चीन ने उसके नुकसान की कोई आधिकारिक पुष्टि न की हो, लेकिन अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों ने भी माना है कि चीन का भारत से ज्यादा नुकसान हुआ है. ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक इस झड़प में चीन के कम से कम 35 सैनिक हताहत हुए हैं. इनमें चीनी सेना का एक सीनियर अफसर भी शामिल हैं. सूत्रों के मुताबिक सोमवार देर शाम दोनों देशों की सेनाओं की टुकड़ियां गलवान घाटी में आमने-सामने आ गई थीं. इस हिंसा के बाद घाटी में ही दोनों सेनाओं की बैठक हुई है, जिसमें शांति बनाए रखने पर सहमति बन गई है. इस बैठक के बाद दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गई हैं.
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चाक़ू से हुई लड़ाई, खाई में फिसले सैनिक
अमेरिकी सूत्रों के मुताबिक, दोनों ही देशों के सैनिक हथियारों के बिना हिंसक झड़प में शामिल हुए. इस दौरान सैनिकों ने एक दूसरे पर चाकू और लोहे की रॉड और अन्य चीजों से हमला किया. इस झड़प के दौरान दोंनो ही पक्षों के कई जवान फिसल कर खाई में गिर गए और उनकी मौत हो गई. अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसियों के मुताबिक जिनपिंग सरकार इस नुकसान को इसलिए नहीं बता रही है, क्योंकि वह चीन की जनता के सामने शर्मिंदा महसूस नहीं करता चाहती. कोरोना संक्रमण फैलने के बाद पहले ही राष्ट्रपति शी जिनपिंग की लोकप्रियता में कमी आई है.
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अमेरिका के मुताबिक, चीन बीते कुछ वक़्त से अक्साई चिन और लद्दाख के इलाकों में काफी आक्रामक हो गया है. कोरोना संक्रमण का फायदा उठाकर चीन लगातार वियतनाम, हांगकांग और भारतीय सीमा पर दबाव बढ़ाने का काम कर रहा है. भारत और अमेरिका की बढ़ती नजदीकियों से भी चीन काफी परेशान है और इसलिए इस तरह के कदम उठाकर भारत पर दबाव कायम करना चाहता है.