15जून को गलवान घाटी के पेट्रोलिंग प्वाइंट -14 पर घात लगाकर चीनी सेना द्वारा किये गये हिंसक हमले में भारत के 20 जवान शहीद हो गये और 10 जवानों को बंधक बना लिया ।जिसके चलते भारत-चीन के बीच टक्कराव की स्थिति बन गई ।इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा।इस बात से डरा चीन ने प्रेस जारी कर कहा की बातचीत से समस्या का समाधान निकाला जायेगा।
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इसी के चलते आज मेजर जनरल स्तर की बातचीत के बाद 10 भारतीय जवानों को चीनी सेना ने गुरुवार झड़प के तीन दिन बाद छोड़ दिया है. जवानों की रिहाई के बाद शुक्रवार को दोनों देशों के बीच कोई वार्ता प्रस्तावित नहीं थी, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही दोनों देशों के बीच बातचीत फिर से शुरू होगी।
10 भारतीय जवानों के वापसी के बाद भी गलवान घाटी में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. गलवान घाटी और पैंगॉन्ग झील के पास दोनों देशों की ओर से अतिरिक्त जवानों की तैनाती की गई है. यह वही इलाका है, जहां 5 मई को दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने आ गई थी और झड़प हुई थी.