लद्दाख बाँर्डर पर हुए संघर्ष में राजस्थान के इस जाबांज सैनिक ने मार गिराये, कई चीनी सैनिक

In the struggle on Ladakh border, this Jabanj soldier of Rajasthan killed, many Chinese soldiers

15 जून लद्दाख बाँर्डर पर भारत-चीन सेना के बीच हुए संघर्ष में हमारे 20 जाबांज सैनिक शहीद हो गये। इस संघर्ष में राजस्थान के एक वीर जाबांज सैनिक की चर्चा हिन्दुस्तान में हो रही हैं। लद्दाख बाँर्डर पर तैनात राजस्थान का ये जाबाज सैनिक सुरेन्द्र सिंह हैं, उस दिन रात को हुई दोनों सेनाओं के बीच मुठ भेड़ में शामिल थे।ये भी चीनी सेना को परास्त करने और मारने में अपनी वीरता का परिचय देते हुए चीन के कई सैनिकों को मार गराया और अपने साथियों की जान बचाने में महत्पूर्ण भूमिका निभाये।इनके पास रखी कृपाण (कटार) को ही हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए अपने साथ कई भारतीय सैनिकों की जान बचाई. सिंह ने कृपाण से 3-4 चीनी सैनिकों को घायल कर दिया था और उनके पास मौजुद हथियारों को उनसे छुड़ाकर भारतीय सैनिकों को दे दिया. इस झड़प में सुरेन्द्र सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. उनके 12 टांके आए हैं.

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राजस्थान के अलवर में रहता है सुरेन्द्र सिंह का परिवार

हिंसक संघर्ष में घायल सुरेन्द्र सिंह 15 घंटे में होश आया होश आने के बाद उन्होंने ये बाते अपनी पत्नी ने से बताई।सुरेन्द्र ने बताया कि यदि कृपाण नही होता तो चीनी सैनिक जिंदा नहीं छोड़ते। सुरेंद्र सिंह की पत्नी गुरप्रीत कौर अपने चार बच्चों के साथ अलवर रहती हैं. सिंह के 3 बेटियां शरणदीप कौर, मनदीप कौर, परबजोत कौर और एक बेटा मनमीत सिंह है. सुरेन्द्र सिंह के पिता बलवंत सिंह और मां प्रकाश कौर गांव में रहते हैं.

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31 जनवरी को वापस ड्यूटी पर गए थे
सुरेंद्र सिंह जनवरी में 20 दिन की छुट्टी पर आए थे. 31 जनवरी को वापस ड्यूटी पर गए हैं. वे आर्टिलरी थ्री मीडियम में हवलदार के पद पर लेह में तैनात हैं. उनकी बटालियन लेह में तैनात है, लेकिन अभी तनाव के चलते उनको आगे शिफ्ट किया है जहां यह घटना हुई है. सुरेन्द्र सिंह की पत्नी गुरप्रीत कौर ने बताया कि फिलहाल फोन पर ज्यादा बात नहीं होती है, लेकिन अब वे ठीक हैं. घटना के बारे में सुरेंद्र सिंह ने पत्नी को बताया कि वे चीनी सैनिकों से बाचतीत करने के लिए निहत्थे ही गए थे. लेकिन गुरु साहब की कृपाण उसके पास मौजूद थी. इसलिए उसने खुद चीनी सैनिकों का कृपाण से मुकाबला किया और कई साथी सैनिकों को भी बचाया.

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