बिहार इन दिनों दो प्राकृतिक संकट से लड़ रहा हैं एक हैं वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रमण तो दुसरा भारी बारिश से आयी बांढ़। बाढ़ का पानी बागमती नदी, बूढी गंडक, कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी में आने से ये खतरे के निशान से उपर चले जाने के कारण इनका पानी गोपालगंज, मोतिहारी, समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर जिलों के सैकड़ों गांवों में जाने से ये गांव पानी में डुब गये हैं। इन नदियों का पानी अन्य जिलों में जाने से बिहार के 12 जिले के 10 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।गांवों में बाढ़ का पानी घुसने के कारण लोग अपना घर और मवेशी छोड़कर नेशनल हाईवे और ऊंचे स्थानों पर शरण लेने को विवश हो गये हैं।
बिहार के 11 जिलों की 14,95,132 लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित है और 13,6,464 लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया है. जल संसाधन विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक बागमती नदी, बूढी गंडक, कमला बलान, लालबकिया, पुनपुन, अधवारा, खिरोई, महानंदा तथा घाघरा नदी विभिन्न स्थानों पर अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
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रेलवे ट्रेक पर भरा पानी,कई गाडि़यों के मार्ग बदले
रेलवे के एक अधिकारी ने बताया कि मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज और समस्तीपुर-दरभंगा सेक्शन की कई रेलगाड़ियों का मार्ग बदलना पड़ा. बिहार के बाढ़ प्रभावित इन जिलों में बचाव और राहत कार्य चलाए जाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 25 टीमों की तैनाती की गई है. वायु सेना के हेलीकॉप्टरों द्वारा रविवार को भी बाढ़ प्रभावित जिलों में खाने के पैकेट गिराए गए..
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गोपालगंज में घर छोड़कर भाग रहे लोग
गोपालगंज में सारण तटबंध टूट जाने की वजह से बरौली प्रखंड के कई गांवों में 7 से 8 फीट पानी भर गया है. यहां घर में रखा सामान भी छोड़कर भागना पड़ रहा है. क्योंकि बाढ़ का पानी लगातार बढ़ रहा है. रविवार को यहां एनडीआरएफ की टीम नहीं पहुंची तो आजतक की टीम ने बाढ़ में फंसी बुजुर्ग महिला को बचाया.