जयपुर। मध्य प्रदेश में हो रहे उपचुनाव में सभी दल अपना पुरा दम-खम दिखा रही है। इस उपचुनाव के उपर ही शिवराज सरकार की भविष्य टिकी हुई है कि वे पांच साल सत्ता में रहेंगे ये उनकी भी विदाई होगी। वहीं दुसरी ओर कांग्रेस की ओर से कमलनाथ भी ताल ठोक रहे हैं क्यों वे पिछली बार महज पंद्रह माह तक ही सत्ता में रह पाए थे।
सिंधिया अपने समर्थक विधायकों को कांग्रेस से तोड़ कर भाजपा में शामिल हो गए थे और कमलनाथ को सीएम पद से इस्तिफा देना पड़ा था, इसी कारण से वहां 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
28 सीटों पर हो रहे हैं उपचुनाव
आपको बता दें की मध्य प्रदेश विधानसभा की 28 सीटों के लिए उपचुनाव (MP Assembly By-Election) में मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टियों के साथ-साथ कई क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी चुनाव मैदान में किस्मत आजमा रहे हैं। ऐसे में यहां से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां बिना विधायक बने छह महीने होने पर मध्य प्रदेश के दो मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद राजपूत ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को अपना इस्तीफ़ा सौंप दिया है।
शिवराज मंत्रीमंडल के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दिया
ऐसे में मुख्यमंत्री ने दोनों नेताओं के इस्तीफे स्वीकारते हुए राज्यपाल को भेज दिए हैं। बता दें कि दोनों ही नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ Congress छोड़कर बीजेपी में शामिल हुये थे। साथ ही इस बार के उपचुनाव भी लड़ रहे हैं। दरअसल, संवैधानिक प्रावधान है कि कोई भी मंत्री सदन का सदस्य बने बिना 6 महीने से ज्यादा समय तक मंत्रीपद पर बने नहीं रह सकता है। ऐसे में इसी प्रक्रिया के चलते दोनों नेताओं को इस्तीफ़ा देना पड़ा।
उपचुनाव की बात करें तो सांवेर विधानसभा Bye-election में मुख्य मुकाबला बीजेपी के तुलसीराम सिलावट और कांग्रेस के प्रेमचंद गुड्डू के बीच है। हाल ही में जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने नामांकन भरा तो वहीं, अगले दिन गुरुवार को प्रेमचंद गुड्डू ने नामांकन दाखिल किया। दोनों ने ही नामांकन के साथ अपनी आय का शपथ पत्र भी दिया है। सांवेर से चार बार विधायक रहे मध्यप्रदेश सरकार के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने अबकी बार भाजपा प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया।