पटना। नीतीश कुमार बिहार की शिक्षा व्यवस्था की दिशा और दशा को सुधारने के लिए नए चेहरे को सामने लाने की तैयारी में हैं। अप्रैल माह के पहले नए शिक्षा मंत्री कार्यभार संभाल सकते हैं।
रअसल, बिहार सरकार की नौकरी से अवकाश प्राप्त करने के बाद एक उच्च अधिकारी को शिक्षा मंत्री का जिम्मा दिया जा सकता है। नीतीश कुमार के सामने बिहार में शिक्षा व्यवस्था की दिशा और दशा सुधारना सबसे बड़ी चुनौती है। शिक्षा में सुधार को लेकर नीतीश कुमार ने रोडमैप बनाने की बात कही थी लेकिन अब तक रोड मैप नहीं बन पाया है। चर्चाओं के मुताबिक चुनौती से निपटने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वर्तमान मुख्य सचिव को शिक्षा मंत्री बनाने की योजना बनाई है।
आपको बता दें कि वर्तमान मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह फरवरी माह में रिटायर होने वाले हैं और ऐसी संभावना है कि वह सक्रिय राजनीति में आए। शिक्षा विभाग में लंबे समय तक अंजनी कुमार सिंह को प्रधान सचिव के रूप में काम करने का अनुभव प्राप्त है। अंजनी कुमार सिंह जब विभाग के प्रधान सचिव हुआ करते थे तब उस दौरान विभाग में बहुत सारे सुधारात्मक कार्य किए गए थे।
पूर्व में किए गए कार्यों और अनुभव को देखते हुए वर्तमान सरकार ने अंजनी सिंह को नई जिम्मेदारी सौंपने का मन बनाया है। बजट सत्र के बाद इस बात की संभावना है कि बिहार में नए शिक्षा मंत्री की ताजपोशी हो जाएगी। वर्तमान में शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा के पास विधि विभाग का भी प्रभार है।
अंजनी कुमार सिंह को नई जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर विभाग में चर्चा है और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता दबी जुबान से यह कह रहे हैं कि अंजनी कुमार सिंह को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। विधान परिषद चुनाव में अंजनी कुमार सिंह को जेडीयू का टिकट मिल सकता है और उसी आधार पर उनकी ताजपोशी संभव है।
सत्ता के गलियारे में दूसरी चर्चा यह भी है कि अंजनी कुमार सिंह अगर शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य करना नहीं चाहेंगे तो वैसे ही स्थिति में राज्यसभा भेजने का विकल्प भी उनके लिए खुला हुआ है