वैशाली से मेरे रिश्ते बहुत पुराने और गहरे हैं ।यहां के लोगों का स्नेह और प्यार बराबर मिलता रहा है ।मैं किसी न किसी बहाने यहाँ के सुख-दुःख से जुड़ी रही हूँ ।उक्त बातें पूर्व सांसद श्रीमती लवली आनंद ने गत दिनों पूर्व मीनापुर में पत्रकारों से कही ।
अगले राजनीतिक कदम के बारे में पूछे गये सवाल पर उन्होंने कहा- “राजनीति संभावनाओ का खेल है ।यहाँ कोई किसीका स्थाई दोस्त या दुश्मन नहीं होता” ।वैसे महागठबंधन हमारी प्राथमिकता है ।
पत्रकारों के यह पूछने पर कि क्या वे वैशाली से चुनाव लड़ेंगी ?
उन्होंने कहा – प्रतिद्वंदी चाहे कोई क्यों न हों, मैं शिवहर से चुनाव लड़ूंगी भी और जीतूंगी भी ।
बिहार पीपुल्स पार्टी के पुनर्गठन से जुड़े प्रश्न पर श्रीमती आनंद ने बताया कि इसे लेकर समर्थकों का भारी दवाब है ।सहरसा की सफल बैठक के बाद अगले माह के दूसरे हफ्ते पटना में झारखंड- बिहार के प्रमुख साथियों की महत्वपूर्ण बैठक है ।जो भी आम राय उभर कर सामने आएगा फैसला लिया जायेगा ।
वे अपने संसदीय क्षेत्र शिवहर जाने के क्रम में अपने पुराने कार्यकर्ता नरेंद्र शाही के घर मीनापुर, हड़का में अल्प समय के लिए रुकी थीं ।
उन्होंने आगे बताया कि अक्तूबर प्रथम सप्ताह में रेल और किसानों के सवाल पर बेलसंड और रीगा में तथा नवम्बर के तीसरे सप्ताह में जिला बनाने के सवाल पर ढाका में बड़ी रैलियों का आयोजन किया जायेगा ।
लवली आनंद का बिहार के राजनीतिक में काफी योगदान रहा है हमारी काफी योगदान रहा है. इस समय लोकसभा का चुनाव कहां से लड़ रहे हैं लेकिन उन्होंने तौर पर दिया है कि हर लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे. आनंद मोहन अपराधिक मामले में जेल में सजा काट रहे हैं
जो बिहार में लालू प्रसाद यादव का दबदबा था तब नरेंद्र मोदी लालू प्रसाद से कम नहीं थे विधानसभा का चुनाव परिणाम बदल दिया गया
-लवली आनंद
(पूर्व सांसद)