पटना: गरीबी से ऊपर आकर राजनीती में अपने पद का फायदा उठाकर ग़रीब जनता के पैसो से लाखों- करोडो रुपये की बेनामी संपत्ति के मालिक बने बैठे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के परिवार के सदस्य भी अपनी पटना और दिल्ली के आलीशान इलाकों में स्थित अपनी प्रॉपर्टी गंवा सकते हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बेनामी सौदे संशोधन कानून के तहत 17 प्रॉपर्टी को तात्कालिक रूप से अटैच करने की बात की है।
प्रॉपर्टी लालू यादव के रिश्तेदारो ने कथित रूप से शेल कंपनियों की मदद से यूपीए शासन में उनके रेल मंत्री रहने के दौरान खरीदी थीं। जिसकी कुल कीमत करीब 128 करोड़ रुपये के आसपास है। बाद में इन सभी संपत्तियों को लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी, उनके बेटे और बेटी मीशा, चंदा और रागिनी तथा दामाद शैलेश कुमार के नाम ट्रांसफर कर दिया गया था। उपरांत लालू परिवार की दिल्ली के द न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में करीब 40 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। जिसे AB Export के नाम से ख़रीदा गया था. और जिसकी घोषित कीमत मात्र 5 करोड़ रुपये बताई गई थी।
खबर है की इन संपत्तियों को अटैच किए जाने के बाद अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उन पर अपना कब्जा कर सकता है। और IT Department चाहे तो उसके अंदर रह रहे लोगों को सुनवाई पूरी होने तक किराए पर रहने की अनुमति दे सकता है। इनमें पटना में निर्माणाधीन मॉल, दिल्ली में आलीशान घर और दिल्ली एयरपोर्ट के पास ढाई एकड़ में फैला फार्म शामिल है। सूत्रों के मुताबिक लालू के निकट के सहयोगियों ने चार शेल कंपनियों की रचना की थी. जिसके आधार पर वे बेनामी संपत्ति के मालिक बन बैठे. बाद में ये सारी संपत्ति बहुत ही कम दामो में लालू यादव परिवार के नाम पर ट्रांसफर करवाई गई।
अगर लालू यादव का परिवार बेनामी संपत्ति के तहत दोषी पाया जाता है तो उसे 7 साल की कैद और संपत्ति की बाजार कीमत का 25 फीसदी हिस्सा जुर्माना देना पड़ सकता है। कानून के अनुसार दोषी पाया जाने वाला अगले 6 साल तक चुनाव भी नहीं लड़ सकता।