मृतक की पत्नी इंदु देवी ने भूख और कुपोषण से पति की मौत हुई ऐसा कहा है, जबकि प्रशासन ने कहा कि मनोज की मौत बीमारी से हुई है। डीएम ने एसडीओ पश्चिमी को पूरे मामले की जांच का आदेश दिया है। मृतक मनोज कुंवर के घर में 5 सदस्य- पिता, पत्नी व तीन बच्चे हैं। पूरा परिवार कुपोषण की चपेट में है। दोनों पति-पत्नी की हालत खराब है। कुपोषण के शिकार बच्चे ग्रामीणों के रहम पर जी रहे हैं। घर में तीन-चार दिनों से चूल्हा नहीं जला है।
मजदूर की मौत के बाद उसके श्राद्धकर्म के लिए भी ग्रामीणों ने चावल दिया है। चूल्हे के पास छोटे डिब्बे में रखा चावल पीड़ित परिवार की स्थिति बया कर रहा है। इस परिवार पर न तो गांव में साथ रहने वाले जनप्रतिनिधि की नजर पड़ी और न ही किसी अधिकारी ने सुध ली। मृतक मजदूर का भी दाह संस्कार ग्रामीणों के सहयोग से किया गया। मौत के बाद अब जनप्रतिनिधि मदद को आगे आ रहे हैं। मुखिया ने पीड़ित परिवार को कबीर अंत्येष्टि योजना की राशि दिलाई है।
इंदु देवी ने बताया कि बीमार पति का रुपये के अभाव में इलाज नहीं कर पाई। स्वास्थ्य केंद्र के आयुष डॉक्टर ने स्थिति गंभीर बताते हुए पीएचसी या किसी दूसरी अस्पताल में ले जाने की सलाह दी, लेकिन पीएचसी से एम्बुलेंस मंगाकर अस्पताल भेजना उचित नहीं समझा। भूख व बीमारी की मार झेल रहा परिवार इलाज अभाव में मनोज की मौत का इंतजार करता रहा। अंतत: मनोज ने शनिवार को दम तोड़ दिया। घटना के बाद जनप्रतिनिधि व प्रखंड प्रशासन में हड़कंप मचा है। हालांकि रविवार को मुखिया लालसा देवी के पति पूर्व मुखिया रामअयोध्या महतो ने आर्थिक मदद दी है। बताया कि परिवार की हालत के बारे में उन्हें जानकारी नहीं थी।
हलाकि जाँच में मनोज के पास से अंत्योदय कार्ड मिला है। उसे राशन भी मिला था। उसकी मौत भूख से नहीं हुई है। पूरी घटना की गहराई से छानबीन हो रही है।
Reported by: Pankaj Singh