कचरा जलाने पर एनजीटी की ओर से प्रतिबंध लगाया जा चुका है। फिर भी कचरे के ढेर में आग की माचिस लगाने का सिलसिला जारी है। शिवहर जिला मे सरसौला खुर्द –शिवहर पथ तथा नवाब हाई स्कूल के सामने खुलेआम प्लास्टिक युक्त कचरे को जलाने से लोगों की सेहत पर भारी असर पड़ रहा है। जिसके कारण कई घातक बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बना रहता है।
शहर के लोग सुबह मे टहलने इसी दोनो इलाके मे जाते है, लेकिन सुबह सुबह धुएं का सम्राज्य रहने से लोगों को स्वास्थ्य लाभ नही मिल पा रहा हैं। गौरतलब है कचरा जलाने से निकले सूक्ष्म कण जो काफी ज़हरीले कण होते हैं जिनका आकार इतना छोटा होता है कि वे श्वसन के माध्यम से हमारे शरीर में प्रवेश कर फेफड़ों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। पूरे देश में प्लास्टिक की बोतलों, इलेक्ट्रॉनिक सामान सहित सभी प्रकार के कूड़े को जलाया जाता हैं। यह वायु प्रदूषण के मुख्य कारण मे से एक है।
R.T.I सह सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद प्रकाश मिश्रा ने कहा कि कचरे का उचित प्रबंधन न होना जल प्रदूषण,भूमी प्रदूषण तथा वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है जिसके कारण लोंगो का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा हैं। ऋतुचक्र का परिवर्तन, कार्बन डाईऑक्साइड की मात्रा का बढ़ना हिमखंड को पिघला रहा है। सुनामी, बाढ़, सूखा जैसे दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं। समाजिक कार्यकर्ता विक्की गुप्ताने बताया की सड़क के किनारे कचरा जलाने से हरे पेड़ पौधे को काफी नुकसान पहुंच रहा है। एवं वायु प्रदूषण होने से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ रहा हैं।
Reported By: Pankaj Singh