चमकी भूखार से लड़ने मे साथ देने वाले डॉ. कफील अहमद साहब का बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर वासी ने कुछ इस अंदाज मे धन्यवाद दिया

चमकी भूखार से लड़ने मे साथ देने वाले  डॉ. कफील अहमद साहब  का बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर वासी ने कुछ इस अंदाज मे धन्यवाद दिया

डॉ. कफील अहमद साहब को मुजफ्फरपुर के वासियों की तरफ से दिल से धन्यवाद जिन्होने अपने कीमती समय से कुछ समय मुजफ्फरपुर के चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों की अपनी मुफ्त सेवाएं एवं दवाइयां भी दिए..

आज डॉ. साहब मुजफ्फरपुर से विदा होने समय मुजफ्फरपुर के सामजिक कार्यकर्ताओं के द्वारा उन्हे सम्मानित एवं धन्यवाद दिया गया| डॉ. कफील अहमद साहब से मिलकर मुझे गर्व है, जहां मुजफ्फरपुर के डॉ. पैसा कमाने मे व्यस्थ है वही डॉ. कफील अहमद जैसे लोग बिहार से बाहर से आकार मुजफ्फरपुर मे चमकी बुखार से बच्चों की जान बनाचे का प्रयाश कर रहें हैं | इस मौके पर दाऊद इब्राहिम, अभिषेक कुमार, मोहम्मद अली जौहर सिद्दीकी, सोनू सरकार, बैजू जी आदि मौजूद रहे

हाल ही के दिन मे आए इस बिमारी से लगभग 200 बच्चे की जान चली गई. इस बीमारी ने पूरे बिहार की हिला रख दिया. इस बीमारी से प्रभावती होने वाले मे मुज़फ़्फ़रपुर,वैशाली,मोतिहारी, बेगूसरया ,गाया,दरभंगा रहा. सबसे ज़्यादा मुज़फ़्फ़रपुर ज़िला प्रभावती रहा . यहा पर 138  से ज़यादा बच्चे की जान चली गई. सरकार पूरी तरह से नाकाम रही . सरकार के तरफ से किसी भी तरह का कोई भी सराहनिए कदम देखेने को न्ही मिला . उस समय कफील अहमद मे एक सराहनिए कदम लिया .

डॉक्टर का जो सही फर्ज़ होता है उस को डॉ. कफील अहमद साहब  ने पूरा किया . इन्हों ने बहुत ही सराहनिए काम किया है. यदि बिहार के कुछ डॉक्टर इन के साथ आ जाते तो काफ़ी कुछ हो जाता और  इतने बच्चे की जान न्ही जाती . डॉ. कफील अहमद साहब   ने अकेले ही बीड़ा उड़ाया और कर दिया.

कहने के लिए तो मुज़फ़्फ़रपुर बिहार के कितने डॉक्टर है जिसने काफ़ी नाम कमाया है लेकिन जो डॉ. कफील अहमद साहब ने किया वो किसी डॉकटर के बस की बात न्ही है.

अपना न्यूज़ डॉ. कफील अहमद साहब का तहे दिल से धन्यवाद देता है.

 

 

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