सीएम नीतीश कुमार का राजगीर से विशेष लगाव है और इस जगह को पर्यटन के लिहाज़ से अंतरराष्ट्रीय पटल में लाने के लिए उन्होंने कई बड़े फैसले भी किए हैं. यहां की धरती से उन्होंने बड़े-बड़े राजनीतिक फैसले भी लिए हैं लिहाजा इस महाजुटान को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है.पटना. बिहार में 2020 अक्टूबर-नवंबर में विधान सभा का चुनाव (Bihar Assembly election) होना है. इसके मद्देनजर सूबे के सभी सियासी दल अपनी रणनीतियों को लेकर विमर्श के दौर से गुजर रहे हैं. इसी सिलसिले में जेडीयू (JDU) भी अपनी रणनीति बना रही है और इसके लिए पार्टी के तमाम बड़े से लेकर छोटे नेताओं और कार्यकर्ताओं का जुटान राजगीर (Rajgir) में होने वाला है क्योंकि 22 और 23 जनवरी को यहां प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया जा रहा है.
बता दें कि सीएम नीतीश कुमार का राजगीर से विशेष लगाव है और इस जगह को पर्यटन के लिहाज़ से अंतरराष्ट्रीय पटल में लाने के लिए उन्होंने कई बड़े फैसले भी किए हैं. यहां की धरती से उन्होंने बड़े-बड़े राजनीतिक फैसले भी लिए हैं लिहाजा इस महाजुटान को भी इसी संदर्भ में देखा जा रहा है.घरेलू विवाद में महिला को जिंदा जलाया,आरोपि फरार
दरअसल चुनावी साल में जेडीयू के प्रशिक्षण शिविर में बिहार के सभी जिलों से 400 चुने हुए मास्टर ट्रेनरों को दो दिन तक ट्रेनिंग दी जानी है. इनके जिम्मे न सिर्फ पार्टी के नीति और सिद्धांत को जनता को बताने का काम होगा बल्कि नीतीश सरकार ने प्रदेश के विकास और जन सरोकार के लिए जो भी काम किए हैं, उसे जनता तक पहुंचाने का काम भी होगा.
इनके जिम्मे बिहार के तमाम जिलो में जाकर जेडीयू के नेताओं और कार्यकर्ताओं को ट्रेनिंग देने का भी काम होगा ताकि नीतीश कुमार के विकास के कार्य जनता तक पहुंच सके और इसका फ़ायदा आगामी विधान सभा चुनाव में जेडीयू को मिल सके. बताया जा रहा है कि दो दिन के प्रशिक्षण शिविर में स्वयं नीतीश कुमार भी नेताओं और कार्यकर्ताओं को टिप्स देंगे. जाहिर है जेडीयू इसका भरपूर फ़ायदा मिलने की उम्मीद कर रही है.दुष्कर्म से गर्भवती दिव्यांग नाबालिक का कराया गर्भपात,पुलिस हरत में
पार्टी संगठन से जुड़े नवीन आर्यअनिल कुमार सिंह कहते है कि पार्टी संगठन से जुड़े कार्यक्रम करती रहती है, लेकिन इस बार जबकि बिहार विधान सभा चुनाव होने वाला है ऐसे में जेडीयू के नेताओ और कार्यकर्ताओं के लिए स्वयं मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ट्रेनिंग होना महत्वपूर्ण हो जाता है.
दरअसल इस बार के विधान सभा चुनाव में जेडीयू की सहयोगी पार्टी बीजेपी है, NRC, NPR और CAA के मुद्दे पर चुनावी मैदान में उतरने की कोशिश में है. इन मुद्दों को लेकर बिहार की सियासत में पहले ही काफ़ी घमासान मचा हुआ है. ऐसे में नीतीश कुमार का सम्बोधन राजगीर में जेडीयू के नेताओ और कार्यकर्ताओं के लिए काफ़ी महत्वपूर्ण हो सकता है.