एमएसडी नाम सुनते ही एक भरोसा उभरता है कि माही है तो मारेगा।
पर आए दिन उनकी खराब खेल की वजह से उनकी काफी आलोचना की जाती है। वह सीमित ओवरों में काफी अच्छे फिनीसर के तौर पर जाने जाते हैं। पर फिर भी आलोचकों को उनका खेल अच्छा नहीं लगता।
धोनी का पूरा नाम महेंद्र सिंह धोनी है उनका जन्म 7 जुलाई 1981 को रांची में हुआ था। उस समय रांची अविभाजित बिहार का हिस्सा था। पर 2000 ईस्वी में बिहार का बंटवारा हुआ और अलग राज्य झारखंड बना। तब रांची झारखंड चला गया। क्रिकेट से लगाव उनको बचपन से ही था। 2000 के पूर्व धोनी बिहार के लिए घरेलू मैच खेला करता था। पर झारखंड के निर्माण के बाद वह झारखंड के लिए खेलने लगे।
धोनी ने अपने वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में कैरियर की शुरुआत 23 दिसंबर 2004 को बांग्लादेश के खिलाफ किया था। उसके 1 साल बाद 2 दिसंबर 2005 को श्रीलंका के विरुद्ध टेस्ट में अपना पदार्पण किया था। फिर उसके 1 साल बाद 1 दिसंबर 2006 को साउथ अफ्रीका के खिलाफ T20 फॉर्मेट में अपना पदार्पण किया था। 2007 से लेकर 2016 तक वह सीमित ओवरों के मैच में कैप्टन रहे। पर 2016 में उन्होंने कप्तानी छोड़ दी। इससे पहले वह 2008 से लेकर 2014 तक टेस्ट के भी कैप्टन थे।
अगर उनकी उपलब्धियों की बात की जाए तो वह बतौर कैप्टन 2007 का ICC T-20 वर्ल्ड कप भारत को जिताया था। इसी तरह 2010 और 2016 का एशिया कप भारत के खाते में आया था। सबसे बड़ा जो उनकी उपलब्धि है 2011 का अंतरराष्ट्रीय एकदिवसीय विश्वकप। जिसमें उनकी शानदार पारी की बदौलत भारत को एक बार फिर से विश्व चैंपियन माना गया। इसी तरह 2013 में भी उन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी भारत को दिलवाया। धोनी, बतौर बैट्समैन 10000 से ज्यादा रन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगाए हैं। वे अपने शर्ट के पीछे सात लिखा करते हैं।आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग के तरफ से खेला करते हैं। यह सारी बातें उनके अच्छे दिन की है।
इसके बाद अंतरराष्ट्रीय आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप 2019 की बात की जाए। अगर को धोनी को काफी आलोचना का सामना करना पड़ा है इसकी एक वजह उनकी धीमी पारी भी है। पर इसमें टीम मैनेजमेंट का भी खामी नजर आता है।
धोनी भले ही बतौर बैट्समैन कुछ ना कर पाए पर विकेटकीपर के रूप में वह हर मैच में कमाल कर जाते हैं। अगर कल ही की मैच की बात की जाए जो वेस्टइंडीज के खिलाफ हुआ था। उसमें विराट कोहली के बाद सबसे ज्यादा रन धोनी मारे थे पर उनकी पारी पहले काफी धीमी थी लास्ट के ओवरों में उन्होंने जमकर रन बरसाए और उनके 56 रनों की पारी के बदौलत ही भारत 1 बढ़िया स्कोर खड़ा कर पाया जवाब में वेस्टइंडीज की टीम 125 रन के अंतर से हार गई।
पर आलोचकों का क्या? वे तो सिर्फ आलोचना ही करेंगे।