PATNA : बिहार में छठ पूजा का अगल ही महत्त्व है और विदशो में भी छठ पूजा का महत्त्व बढ़ता जा रहा है। छठ का पावन पर्व अब अमेरिका तक पहुंच गया है। अमेरिका में छठ पूजा शुरू करने का श्रेय पटना के सॉफ्टवेयर इंजीनियर को जाता है। हर साल अमेरिका के पोटोमैक नदी के किनारे करीबन एक हजार छठ व्रती जुटते हैं और नियमपूर्वक भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित करते हैं।
पटना के रहने वाले एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर कृपा शंकर सिंह ने शुरू की थी अमेरिका में छठ पूजा। पटना से पढ़ाई-लिखाई करने वाले कृपा शंकर सिंह को एक अमेरिकी कंपनी में सॉफ्यवेयर इंजीनियर का जॉब मिला था। वे वाशिंगटन के उपनगर वर्जिनिया में रहते थे। हर साल वे छठ पूजा में पटना आते थे। लेकिन 2007 में कुछ ऐसा हुआ कि छठ पूजा के समय उनकी छुट्टी मंजूर नहीं हो पाई।
छठ पूजा की एक परम्परा यह है कि इस पर्व को लगातार करना पड़ता है। अगर व्रती की उम्र ज्यादा हो जाए तो वह पूजा का दायित्व अपनी बहू को सौंपी जाती है। पटना में रहने वाली कृपा शंकर सिंह की मां ने अपनी बहू को कहा कि तुम जहां भी रहो, वहीं छठ पूजा करो। मां की बात मान कर कृपाशंकर सिंह वर्जिनिया में वह जगह तलाश करने लगे जहां छठ पूजा की जा सके। इस बीच कृपा संकर सिंह लाउंडेन कांउंटी में पोटोमैक नदी के किनारे पिकनिक मनाने गये थे। वहां का लोकेशन देख कर उन्हें लगा कि यहां छठ पूजा की जा सकती है। कृपाशंकर सिंह ने स्थानीय प्रशासन से छठ पूजा करने के लिए अनुमति मांगी। मंजूरी मिलने के बाद पूजा की तैयारी शुरू हो गयी।
2009 में कृपाशंकर सिंह ने पहली बार पांच भारतीय परिवारों के साथ छठ पूजा की थी। अमेरिकी लोगों के लिए यह पूजा कौतूहल का विषय बन गयी। इसकी चर्चा अमेरिका के अन्य राज्यों में पहुंची। जिन उत्तर भारतीय लोगों को परदेश में छठ पूजा नहीं कर पाने का मलाल था, उन्होंने भी ये खबर पढ़ी। इसके बाद लोगों ने ने कृपा शंकर सिंह से सम्पर्क किया। अटलांटा में रहने वाले भारतीय भी पोटोमैक नदी के किनारे जुटने लगे हैं। इतना ही नहीं अमेरिका का स्थानीय प्रशासन भी इस पूजा में सहयोग करता है। अमेरिका में भी छठ व्रती नियम और पवित्रता के साथ चार दिनों का अनुष्ठान करते हैं। निर्जला उपवास रह कर भगवान सूर्य की पूजा को अमेरिकी लोग बहुत आश्चर्य के साथ देखते हैं।
Reported By: Pankaj Singh