मुजफ्फरपुर से आनंद विहार जाने वाली सप्त क्रांति सुपरफास्ट एक्सप्रेस, सोमवार सुबह 11:45 पर अपने नियत समय से आनंद विहार के लिए रवाना हुई। कपरपूरा स्टेशन पर पहुंचने से पूर्व ही ट्रेन के इंजन में आग लग गई।
यह घटना मुजफ्फरपुर और कपरपुरा स्टेशन के बीच में पडने वाली गुमती नं 106 पर घटित हुई। शुरुआती दौर में बताया गया कि यह घटना शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ। ईंजन मे आग लगने की जानकारी मिलते ही यात्रियों के बीच भय का माहौल बन गया| इससे पहले कि कोई हादसा होता सारे यात्री अपने अपने कंपार्टमेंट को छोड़ जंक्शन पर आ चुके थे। रेलवे यात्रियों में भगदड़ का माहौल हो गया था।
मुजफ्फरपुर से नरकटियागंज रेलखंड पर पहले डीजल इंजन चला करता था इस वर्ष रेल लाइनों के विद्युतीकरण के बाद इलेक्ट्रॉनिक चलने लगी जो की पूरी तरह विद्युत चलित होती है। यह इस तरह का पहला मामला नहीं है कि कोई ट्रेन आग की चपेट में आ गया हो। ट्रेन के चपेट में आते ही लोको पायलट ने ट्रेन के इंजन से ट्रेन की बोगी को काटकर अलग कर दिया। इस तरह लोको पायलट की समझदारी के कारण हजारों मासूम लोगों की जान बच गई।
सप्त क्रांति ट्रेन पहले मोतिहारी से आनंद विहार तक जाया करती थी। मोतिहारी में ट्रेन पार्किंग की सुविधा ना होने के कारण इसे मुजफ्फरपुर से आनंद विहार कर दिया गया। ट्रेन के इंजन से बाकी बोगियों को काटने के बाद लोको पायलट ने दूसरे इंजन से ट्रेन के बाकी बोगियों को मुजफ्फरपुर जंक्शन पहुंचाया। इसके बाद दूसरे इंजन को जोड़कर ट्रेन को फिर से आनंद विहार के लिए रवाना किया गया।
इस तरह की घटना बिहार में आम बात हो चुकी है, फिर भी रेलवे प्रशासन द्वारा इस तरह की घटना का कोई स्थाई निराकरण नहीं किया जा रहा। जो कि आम इंसान के जीवन के साथ सरासर होने वाली नाइंसाफी है।