सेना में महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने को लेकर छिड़े विवाद को सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश देते हुए समाप्त कर दिया हैं कि सरकार महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने का प्रारुप तैयार कर ले।आदालत ने अपने फैसले में कहा कि सामाजिक और मानसिक कारण बता के महिला सैनिकों को आगे बढ़ने के अवसर से वंचित करना बेहद ही दुखद बात हैं और इस सोच को बदलना होगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद आर्मी एजुकेशन कोर, सिग्नल, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स-मेकेनिकल इंजीनियरिंग, आर्मी सर्विस कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस और इंटेलिजेंस आदि पोस्ट में सेना की महिला अधिकारीयों को स्थाई कमीशन मिलने का रास्ता साफ हो गया है। महिला सेना अधिकारीयों को सिर्फ युद्ध क्षेत्र छोड़कर बाकी सभी स्थानों पर तैनाती मिलने का अब रास्ता साफ हो गया है।
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड और जस्टिस अजय रस्तोगी की बेंच ने कैप्टन ‘तान्या शेरगिल’ की उदहारण देते हुए बोले कि ‘महिलाएं पुरुषों से कम नहीं हैं और आज कंधे से कंधा मिलकर चल रही हैं, ऐसे में उनकी शारीरिक क्षमता को देखकर उन्हें दरकिनार करना अनुचित है।