MP में सियासी घमासान के बीच ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने की घोषड़ा

म्ध्यप्रदेश में होली के त्यौहार के समय शुरु हुआ सियासी घमासान के चलते मध्यप्रदेश के कद्दावर कांग्रेसी नेता ज्योतिरादिचत्य सिंधिया ने कांग्रसे का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की घोषणा की हैं।इसी बीच भारतीय जनता पार्टी ने सिंधिया समर्थकों की सहायता से एक बार फिर सरकार बनाने की फिराक में लग गई हैं।हालांकि बीजेपी पहले से ही कमलनाथ सरकार को गिराने की फिराक में लगी हुई थी।लेकिन पार्टी संगठन के एक मजबूत सिपाही और कद्दावर नेता ने इस बार सियासत की ऐसी बिसात बिछाई कि बीजेपी कांग्रेस को तोड़ने में कामयाब हो गई। यह नेता कोई और नहीं, बल्कि केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर हैं। जमीन से जुड़े नेता नरेंद्र सिंह तोमर का मध्यप्रदेश के ग्वालियर-चंबल संभाग में काफी प्रभाव है और कांग्रेस के ज्यादातर बागी विधायक भी इन्हीं संभाग से आते हैं, जिनके बगावत पर उतरने के कारण कमलनाथ सरकार संकट में आ गई है।

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केंद्रीय मंत्री के एक करीबी ने बताया कि बीजेपी की नई सियासत की बिसात बिछाने के सूत्रधार नरेंद्र सिंह तोमर ही थे और मध्यप्रदेश से लेकर दिल्ली तक की राजनीतिक घटनाक्रमों में वह हमेशा सक्रिय रहे।करीबी सूत्र के अनुसार, ग्वालियर के मुरार में 1957 में पैदा हुए तोमर ने छात्र नेता के रूप ही अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी, इसलिए संगठन पर इनकी मजबूत पकड़ है। इस संभाग में कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाने की जिम्मेदारी इनको दी गई थी। ग्वालियर सिंधिया परिवार का गढ़ है, इसके लिए उनके गढ़ में पार्टी विधायकों को तोड़ने की रणनीति का सीधा मतलब था कि बीजेपी ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए अपना दरवाजा पहले ही खोल दिया था।ज्योतिरादित्य सिंधिया की दादी व ग्वालियर की राजमाता विजया राजे सिंधिया जनसंघ की सक्रिय सदस्य होने के साथ-साथ बीजेपी की संस्थापकों में शामिल रही थीं। यह भी बताया जाता है कि पार्टी में राजमाता विजया राजे सिंधिया के भी विश्वस्त रहे तोमर के सिंधिया परिवार से करीबी रिश्ते को देखते हुए भी उनको नई जिम्मेदारी सौंपी गई थी।सूत्रों ने बताया कि विगत कुछ दिनों से दिल्ली स्थित नरेंद्र सिंह तोमर के आवास 3, कृष्ण मेनन मार्ग पर मध्यप्रदेश के बड़े नेताओं की आवाजाही बढ़ गई थी। इसके अलावा, तोमर भी अपने क्षेत्र का दौरा ज्यादा करने लगे थे।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के करीबी व विश्वस्त माने जाने वाले तोमर को कुछ दिन पहले ही मध्यप्रदेश में बीजेपी की रणनीति की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मध्यप्रदेश बीजेपी अध्यक्ष पद से लेकर प्रदेश में कैबिनेट स्तर के मंत्री तक की जिम्मेदारी संभाल चुके तोमर मध्यप्रदेश में बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। प्रदेश में ‘जय और वीरू’ के नाम से चर्चित शिवराज और तोमर की जोड़ी ने 2013 में 165 सीटें जितवाकर बीजेपी को तीसरी बार सत्ता में काबिज करवाई थी।

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