देश में कोरोना संकट के चलते राष्व्यापी लाँकडाउन लिया गया।केंद्र सरकार ने लाँकडाउन को दो हप्ते के लिए बढ़ा दिया हैं।अब लिया गया 4 मई के तीसरे लाँकडाय़न को 17 मई तक बढ़ा दिया गया हैं।इस बार लिए गये तीसरे लाँकडाउन में कुछ रियातों के साथ पाबंदिया हटा कर अर्थव्यवस्था को खोलने की अनुमति दी गई है।ऐसा इस लिए किया गया कि देश में कोरोना वायरस की जंग को जीतने के लिए पूरे देश को 40 दिन के लिए लाँकडाउन कर दिया गया था और देश के नागरिकों को अपने घर की लक्ष्मण रेखा नहीं लाँघने की चेतावनी और मास्क लगाने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने को कहा गया था।इसका नतिजा यह निकला की कोरोना वायरस जिस गति से फैल रहा था उस गति को नियंत्रतिक कर लिया गया।कोरोना के बढ़ते गति को नियंत्रति करने में हमारे कोरोान वाँरियर्स डाँक्टर,नर्स, पैरा मेडिकल,सफाई कर्मियो और पुलिस विभाग का बहुत बढ़ा हाथ रहा है जिसका नतीज यह निकला कि कोरोना वायरस से हो रही डेथ रेट और रिकवरी रेट को नियंत्रित करने में कामयाब हो गये।बढ़ती रिकवरी रेट और कम होती डेथ रेट से प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी व्यक्त की हैं। 10 लाख टेस्ट पूरे होने पर पता चला है कि इंफेक्शन रेट भी बाकी देशों के मुकाबले कम है।
यह रिकवरी रेट 22 प्रतिशत के करीब है। इसी से मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था से जुड़ी चीजों को फिर से खोलने का साहस किय। एक सीनियर अधिकारी ने उम्मीद जताई है की मई के आखिर तक रिकवरी रेट 50 प्रतिशत के करीब पहुंच जाएग। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने रविवार को बताया था कि भारत में इस बीमारी से मरने वालों की दर दुनिया में सबसे कम है। हमारे यहां मृत्यु दर 3.2 प्रतिशत है जो दुनिया में सबसे कम है। अब तक 10,632 कोरोना मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दी जा चुकी है। कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा पस्त राज्यों की बात करें तो उसमें मध्य प्रदेश, दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात का नाम आता है। मध्यप्रदेश का पॉजिटिव रेट (7.6%), दिल्ली का 7.3, महाराष्ट्र का 7.2 और गुजरात का 6.9 है। अप्रैल में तमिलनाडु का पॉजिटिविटी रेट 9.2 था लेकिन अब वह गिरकर 2 प्रतिशत पर आ गया है।