पकड़े गये भारतीय जवानों को छुड़ाने में रुस का रहा बड़ा योगदान:अखबार इकनॉमिक टाइम्स का खुलासा

Russia's big contribution in getting rid of captured Indian jawans: newspaper Economic Times revealed

लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी सेना द्वारा अतिक्रमण करने पर भारत की तरफ से इस अतिक्रमण का विरोध किया कि गलवान घाटी भारतीय सीमा में स्थिति हैं लेकिन चीन इसे अपनी सीमा में मानता हैं जबकि वास्तविक रुप से गलवान घाटी भारतीय सीमा में हैं।इस बात को लेकर दोनों देशों की सेनाओं के कमांडरों के बीच कई स्तर की बातचीत हुई जिसमें 6 जून को दोनों सेनाओं के कमांडरों के बीच सहमति बनी कि दोनों देशों की सेनाएं विवादि स्थान से एक-एक किलोमीटर पीछे हट जायेंगी।इस समझौतें की पालना की जांच करने के लिए 15 जून को बिहार रेजिमेंट के कर्नल संतोष बाबू और उनके लगभग 300 साथी जवानों को गलवान घाटी भेजा गया कि क्या समझौते के अनुसार चीनी सेना विवादित स्थान से पीछे हटी हैं कि नहीं जैसे ही संतोष बाबू और उनके अन्य साथी गलवान घाटी गये तो देखा की चीनी सेना अभी भी उसी स्थान पर मौजूद थी।उनको अपने स्थान से पीछे जाने के लिए कहा तो घात लगाकर बैठे चीनी सेना के 5000 हजार सैनिक भारतीय जवानों पर हिंसक हमला कर दिया। इस हिंसर संघर्ष में भारत के एक अधिकारी कर्नल संतोष बाबू सहित 20 जवान शहीद हो गये जबकि इस संघर्ष में चीनी सेना के 43 जवानों को मार गिराया गया।

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भारत-चीन की सेना के बीच हुआ हिंसक संघर्ष में चीनी सेना ने भारत के 10 जवानों को पकड़ ले गये थे।जिसका घुलासा हिंसक झड़प के बाद पता चला।अखबार इकनांमिक टाइम्स ने एक बात का खुलासा किया हैं कि 15 जून को दोनों सेनाओं के बीच हुई हिंसक झड़प में चीनी सेना द्वारा पकड़े गये 10 जवानों को छुड़वाने में रुस का बहुत बड़ा हाथ रहा क्योंकि रूस ने 23 जून को एक मीटिंग रखी थी। इसमें रूस-इंडिया-चीन (RIC) के विदेश मंत्रियों को हिस्सा लेना था। लेकिन 15 जून के बाद भारत ने साफ कह दिया था कि ऐसे हालातों में चीन से बातचीत नहीं हो पाएगी। इसपर रूस ने चीन से बात शुरू की। कहा कि टेंशन को कम करने के लिए उसे भारतीय जवानों को छोड़ना चाहिए। रूस चाहता था कि तीनों देशों के बीच होनेवाली RIC पटरी से न उतरे ।

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चीनी बॉर्डर पर हालात सामान्य करने के लिए भारत की तरफ से पिछले महीने से कोशिशें जारी हैं। ड्रैगन इस वजह से चिढ़ा हुआ है क्योंकि भारत ने बॉर्डर पर अपनी तरफ सड़क निर्माण कार्य तेज किया हुआ है। इसी बीच 15 जून को गलवान घाटी में झड़प ने हिंसक रूप ले लिया था।

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