देश में कोरोना महामारी के कारण देश के विभिन्न भागों में यूजी-पीजी फाइनल ईयर की परीक्षा नहीं हो पाई थी जिसको लेकर सरकार और यूजीसी के बीच कई महिनों से बातचीत चल रही थी लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले को देखते हुए किसी निर्णय पर नहीं पहुंचा जा सकता था।परीक्षा नहीं कराने के लिए विपक्षी पार्टियों ने भी यूजीसी एवं केंद्र सरकार पर यह कह कर दबाव डाल रहे थे कि यदि परीक्षा करायी गई तो बच्चों में संक्रमण फैल सकता हैं।इसी बात को लेकर विपक्ष एवं पक्ष के सदस्य आपस में आरोप-प्रत्यारोप एक -दुसरे पर लगा रहे थे।इसी मुद्दे को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा की बिना परीक्षा दिये यूजी,पीजी फाइनल ईयर से छात्रों को प्रमोट न किया जाये।इस आदेश के बाद अब प्रदेश के यूजी-पीजी फाइनल ईयर स्टूडेंट्स को परीक्षा देनी होगी। इनमें उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, पॉलिटेक्निक और प्राइवेट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स शामिल है।
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इधर सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय के बाद राजस्थान यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन व पोस्ट ग्रेजुएशन के फाइनल ईयर के 2,15,000 स्टूडेंट्स को परीक्षा देनी होगी। इनमें यूजी के बीए, बीकॉम, बीएससी सहित अन्य कोर्स में 1,05,000 रेगुलर है। वहीं इसके साथ ही 60 हजार प्राइवेट स्टूडेंट्स हैं। पीजी में एमए, एमकॉम, एमएससी सहित अन्य कोर्स के मिलाकर 50 हजार स्टूडेंट्स हैं। आपको बता दें कि यूजी और पीजी परीक्षा को लेकर राजस्थान के उच्च शिक्षा विभाग की ओर से केन्द्रीय शिक्षा मंत्री को पत्र लिखा गया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब परीक्षाओं की तैयारियां की जाएगी।