
देश के राजनीति और समाचारों की सुर्खिया में चर्चा का विषय हैं सुशांत सिंह राजपुत आत्महत्या केस की जांच को लेकर हैं जिसमे रिया चक्रवर्ती प्रमुख अभियुक्त हैं। बिहार सरकार और महाराष्ट्र सरकार के बीच तना तनी चल रही थी कि यह घटना महाराष्ट्र के मुंबई में हुई हैं अतः सुशांत आत्महत्या केस की जांच का अधिकार महाराष्ट्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में आता हैं जबकि बिहार सरकार कह रही थी कि सुशांत के पिता के के सिंह की पटना में कराई गई एफआईआर के आधार पर सीबीआई ने पहले ही जांच शुरू कर दी है। हालांकि, महाराष्ट्र सरकार ने यह कहते हुए विरोध किया था कि यह जांच मुंबई पुलिस के अधिकार में आता है अतः यह केस मुंबई पुलिस करेंगी। रिया चक्रवर्ती ने भी सुप्रीम कोर्ट में एक अर्जी लगाई थी कि सुशांत केस की जांच मुंबई में मुंबई पुलिस द्वारा कराया जाने की मांग की थी।
।इन दोनों राज्यों के चींख तान के चलते सुशांत आत्महत्या केस को अपने-अपने राज्य पुलिस द्वारा करवाने को लेकर अड़े होने के कारण यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के लिए पहुंचा तो दोनों राज्यों के वकील अपना -अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट में रखा जिस पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।आज अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुशांत सिहं राजपुत केस की जांच सीबीआई करेंगी जिसमें महाराष्ट पुसिस सहियोग करेंगी।
फैन्स और परिवार वालों को सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का बेसब्री से इंतजार था। कोर्ट की पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दी थीं, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया गया था। इस वक्त सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पूरे देश को इंतजार था और कोर्ट के इस फैसले से लोगों में खुशी नजर आ रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था
कोर्ट की पिछली सुनवाई में दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें दीं। पिछली सुनवाई में रिया चक्रवर्ती के वकील श्याम दीवान, बिहार सरकार के वकील मनिंदर सिंह, महाराष्ट्र सरकार के वकील अभिषेक मनु सिंघवी, सुशांत के पिता के वकील विकास सिंह, केंद्र सरकार के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपना-अपना पक्ष रखा था। सभी पक्षों की दलीलें सुनकर रिया चक्रवर्ती की केस ट्रांसफर करने की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।