देश में कोरोना वायरस संक्रमण से लड़ने के लिए लाँकडाउन किया गया हैं।ताकि इस वायरस को आगे बढ़ने से रोका जाये और यही इसको खात्म किया जाए।इस लिए देश में चरणबद्ध तरीके से लाँकडाउन के चार चरण लागू किया गया और लाँकडाउन चौथा चरण चल रहा हैं जिसकी अवधि 31मई को खत्म हो रही हैं।देश के सभी लोगों को यह महसुश हो रहा था कि लाँकडाउन के चौथे चरण की समाप्ति से पहले लाँकडान का पांचवे चरण की अधिसूचना जारी होगी लेकिन गृहमंत्रालय ने आज सूचना जारी कर लाँकडाउन को पूरी तरह खत्म करने का आदेश दिया और कहा हैं कि लाँकडाउन को जिस तरह चरण बद्ध तरीके से लागू किया गया था उसी तरह से अनलाँकडाउ के चरण लागू कर देश को पूरी तरह से खोल दिया जायेगा।जिसे अनलाँक 1 नाम दिया गया हैं।
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जानिए अनलाँक-1 के नियम और गृहमंत्रालय के क्या है गाइडलाइन
गृहमंत्रालय ने आज अधिसूचना जारी कर लाँकडाउन को खत्म कर और अनलाँक-1 की गाइडलाइन जारी किया हैं। इसके तहत कंटेनमेंट जोन के बाहर चरणबद्ध तरीके से छूट दी जाएगी, लेकिन फिलहाल कंटेनमेंट जोन में पूरी पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी गतिविधियों की मंजूरी रहेगी। अनलॉक 1 की ये गाइडलाइन्स 1 जून से 30 जून तक के लिए जारी रहेंगी। इसमें क्या-क्या कब-कब खुलेगा विस्तार से बताते हैं।
रात में जारी रहेगा कर्फ्यू
गृहमंत्रालय ने अपने अनलाँक -1 में गाइडलाइन जारी करते हुए कहा हैं कि रात का कर्फ्यू जारी रहेगा।लेकिन जो जरुरी चीजें हैं उनके लिए कोई कर्फ्यू नहीं होगा। रात को 9 बजे से सुबह 5 बजे तक अब नाइट कर्फ्यू रहेगा। अभी तक ये शाम 7 से सुबह 7 बजे तक था। स्कूल-कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान खोले जाने पर फैसला सरकार बाद में लेगी।
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शर्तों के साथ खुलेगें धार्मिक स्थल और अन्य संस्थान
मंदिर-मस्जिद,गुरुद्वाराऔर चर्च खुलेगें।राज्य माँल को चरणबद्ध तरीके से खोल सकते हैं।स्कूल-कांलेज जूलाई में खोले जा सकते हैं। । 8 जून से रेस्टोरेंट और होटल खुलेंगे। सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहननना जरूरी होगा। धार्मिक स्थल और सैलून खोले तो जाएंगे, लेकिन कुछ शर्तों का पालन करना होगा।
एक राज्य से दुसरे राज्य और एक जिले से दूसरे जिले में लोग आ -जा सकेगें
एक से दूसरे राज्य में जाने का प्रतिबंध पूरी तरह से हटा लिया गया है। राज्य में भी एक जिले से दूसरे जिले में जा सकेंगे, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। कहीं आने जाने से पहले किसी की कोई इजाजत लेने की जरूरत नहीं होग
राज्य सरकारों के पास अधिक ताकत
अब राज्य सरकारों को अधिक ताकत दी गई है। राज्य सरकारें ही तय करेंगी कि कैसे राज्यों में बसें और मेट्रो सेवाएं शुरू होंगी। केंद्र सरकार ने तो प्रतिबंध हटा लिया है, लेकिन राज्य सरकार अपने स्तर पर पाबंदियां लगा सकती हैं।