कोरोना वायरस पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा जिसकी आज तक कोई दवा तैयार करने में दुनिया के वैज्ञानिक अभी तक सफल नहीं हो पाये हैं।कोरोना का इलाज ढुंढने के लिए वैज्ञानिक निरंतर रिसर्च कर रहे हैं।इसी बीच अमेरिका के जीलीड साइंस कंपनी ने कोरोना की दवा बनाने का दावा किया हैं उसने कहा हैं कि इस दवा का असर कोरोना वायरस के मरीजों पर दिखने लगा हैं।
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न्यू इंग्लैंड जनरल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस रिपोर्ट के मुताबिक, जीलीड साइंस की इस दवा का क्लीनिकल ट्रायल किया गया. इसके तहत ऐसे 53 मरीजों को चुना गया जो कोरोना वायरस के चलते गंभीर रूप से बीमार थे. इस दवा के देते ही आधे मरीज को वेंटिलेटर से हटा लिया गया, जबकि 47 फीसदी मरीज को बाद में अस्पताल से छुट्टी मिल गई. इस ट्रायल के तहत दवाई की डोज़ अगल-अलग देशों के मरीज को दिए गए, जिसमें अमेरिका, यूरोप, कानाडा और जापान के मरीज शामिल हैं.
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ऐसे में इस दवाई से दुनिया भर में उम्मीदें जग गई है. हालांकि कंपनी का कहना है कि अभी पुख्ता तौर पर ये नहीं कहा जा सकता है कि इस दवाई से कोरोना के मरीज़ ठीक हो ही जाएंगे. दरअसल साइंस की भाषा में इसे कंट्रोल तरीके से नहीं आजमाया गया. यानी ये नहीं पता लगाया जा सका कि अगर इन मरीजों को ये दवाई नहीं दी जाती तो क्या वो ठीक हो पाते या नहीं. फिलहाल वैज्ञानिकों ने कहा है कि अभी कुछ भी नहीं कहा जा सकता लेकिन उम्मीदें जरूर जग गई हैं.