राजस्थान में सीएम अशोक गहलोत के काम काज से नाजरा होकर बागी तेवर अपनाने वाले सचिन पायलट सहित 19 कांग्रेसी विधायकों ने सरकार से अलग हो गये।अलग हुए इन तमाम विधायकों की वजह से अशोक गहलोत सरकार संकट में आ गयी।सरकार पर आये इस संकट के समाधान के लिए कांग्रेस पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने सचिन पायलट सहित उन तमाम विधायको को जो सरकार से नाराज होकर चले गये थे मनाने का पूरा प्रयास किया गया।लेकिन ये नाराज विधायक नहीं माने। सीएम अशोक गहलोत ने उनके प्रति कार्रवाई करते हुए उनकी सदस्यता खत्म करने के लिए विधान सभा अध्य़क्ष से सिफारीस की जिसके वजह में सचिन पायलट ने अपने खेमे के इन विधायकों की सदस्यता को बरकरार रखने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।सुप्रीम कोर्ट ने विधानसभा सदस्यों की सदस्यता पर सुनवाई करते हुए विधान सभा अध्यक्ष सीपी जोशी को आदेश दिया कि इन विधायकों की सदस्यता बरकरार रखे।पहले से नाराज चल रहे विधायकों ने इस कार्रवाई से और नाराज हो गये और सरकार को गिराने के लिए रणनीति बनाने लग गये हैं।अशोक गहलोत से नाराज हुए कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट विधायक हेमाराम चौधरी ने यह कह कर अशोक गहलोत खेमे मे खलबली मचा दिया की तारबंदी के चलते हुए भी उनमें से 10-15 विधायक हमारे खेमे में आने के लिए संपर्क कर रहे हैं। इस दावों के बाद सरकार बनाने के लिए पूर्ण बहुमत का दावा करने वाले अशोक गहलोत खेमे में हलचल पैदा हो गई हैं।।
आपको बता दें की इससे पहले कांग्रेस की प्रार्थना सभा में वरिष्ठ नेता रणदीप सुरजेवाला की ओर से बागी विधायकों में से तीन विधायकों के लौटने का बयान दिया गया था। इस बयान के बाद ही पायलट खेमे की ओर से भी इस संबंध में यह वीडियो जारी किया गया। सचिन पायलट खेमे में शामिल वरिष्ठ नेता हेमाराम चौधरी ने कहा कि अशोक गहलोत खेमे के 10-15 विधायक हमारे संपर्क में हैं । वे कह रहे हैं कि आज़ाद होते ही हमारी तरफ आएंगे। चौधरी ने कहा कि अगर गहलोत प्रतिबंध हटाते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि कितने विधायक उनके पक्ष में हैं।
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उधर अशोक गहलोत ने विधान सभा सत्र बुलाने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात किया थे लेकिन राज्यपाल ने यह कहते हुए सत्र बुलाने से मना कर दिया था कि कोरोना संकट के चलते विधान सभा सत्र नहीं बुलाया जा सकता हैं ।इस बात से नाराज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल के विरुध्द आक्रमकता अपनाते हुए राजभवन के सामने अपने विधायकों के साथ धरने पर बैठ गये और राज्यपाल को विधान सभा सत्र बुलाने के लिए कई बार बातचीत की।बाद में मुख्य मंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को कुछ समय और दिया की सत्र बुलाने की अनुमति दें।काफी संघर्ष के बाद राज्यपाल कलराज मिश्र नेबुधवार की मध्यरात्रि को आदेश जारी किया की 14 अगस्त को विधान सभा सत्र बुलानाया जायेगा।