33 साल पुराना भयावह रिकॉर्ड छूने जा रही है बूढ़ी गंडक, 1987 की बाढ़ की याद कर लोग चिंतित

77,77,056 population of 16 districts affected by floods in Bihar; 25 people have died so far

 लगातार एक सप्ताह से बूढ़ी गंडक नदी मुजफ्फरपुर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और इसका जलस्तर 1987 के खतरनाक जल स्तर से महज 38 सेंटीमीटर नीचे रह गई है. 1987 में आई बाढ़ में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 54 मीटर 29 सेंटीमीटर था. जबकि वर्तमान में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर 53 मीटर 91 सेंटीमीटर हो गया है. इसके साथ ही नदी का पानी नये इलाकों में फैलता ही जा रहा है.  2017 की बाढ़ में बूढ़ी गंडक नदी का जलस्तर जिस स्तर पर पहुंचा था उसको बूढ़ी गंडक इस बार पार कर गई है. अब लोगों को 1987 के बूढ़ी गंडक के खतरनाक स्तर की याद सता रही है.

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12 लाख की आबादी प्रभावित
मुजफ्फरपुर में गंडक, बूढ़ी गंडक, बागमती नदी की बाढ़ की वजह से जिले के 13 प्रखंडों के 203 पंचायत की करीब 12 लाख की आबादी प्रभावित हुई है. इसमें से दो प्रखंड औराई और गायघाट पूरी तरह बाढ़ की चपेट में है. औराई और गायघाट में बागमती नदी के बाढ़ का पानी घरों तक पहुंचा है. लोगों को आवागमन से लेकर खाने पीने की समस्या हो रही है. जबकि बूढ़ी गंडक नदी का पानी रोजाना नए नए इलाकों में फैलता ही जा रहा है.

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