लांकडाउन के दौरान घर लौट रही युवती के साथ दस लोगों ने किया गैंगरेप

झारखंड के दुमका जिले में 16 वर्षीया किशोरी से सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है। मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी शुरू कर दी है। हालांकि ख़बर लिखे जाने तक एक भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते प्रधानमंत्री के आह्वान पर बीते 22 मार्च को एक दिन के ‘जनता कर्फ़्यू’ के दौरान ही झारखंड सरकार ने राज्य स्तर पर 31 मार्च तक के लॉकडाउन की घोषणा कर दी। इसी के चलते दुमका के एक गर्ल्स कॉलेज के हॉस्टल में बैठी एक छात्रा (16 साल) ने 24 मार्च को दिन में ही घर निकलने की तैयारी शुरू कर दी। आपको मालूम है कि 24 मार्च की रात से तो पूरे देश में ही लॉकडाउन हो गया।

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आवागमन की सुविधा कम होने की वजह से वह शाम तक घर नहीं पहुंची। घर पहुंचने के लिए एक दोस्त से मदद मांगी। वह उसे घर पहुंचाने के बदले जंगल ले गया और फिर गले के पास चाकू रख दस लड़कों ने इस छात्रा के साथ गैंगरेप किया।

मामले में एफआईआर दर्ज करा दी गई है। घायल छात्रा का इलाज दुमका सदर अस्पताल में चल रहा है। पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में छात्रा ने बताया कि 24 मार्च को दोपहर तीन बजे वह हॉस्टल से अपनी दो दोस्तों के साथ घर जाने को निकली। हॉस्टल से उसके घर की दूरी 45 किलोमीटर है। घर लौटने की जानकारी उसने अपने परिजनों को भी दे दी थी।

उसकी दोस्त उसे कारूडीह मोड़ के पास उतार कर पाकुड़ जिले की तरफ, अपने घर के लिए चली गई। शाम 4.30 बजे तक उसने अपने घरवालों का इंतजार किया, लेकिन तब तक उसे लेने कोई आया नहीं था।

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जंगली इलाका होने की वजह से वह सड़क किनारे के गांव गरियापानी चली गई और वहीं परिजनों का इंतजार करने लगी। इधर अंधेरा होने लगा था। जल्दी घर पहुंचने के लिए छात्रा ने अपने एक दोस्त विक्की उर्फ प्रसन्नजीत हांसदा को फोन कर बुलाया। थोड़ी देर बाद विक्की अपने एक दोस्त के साथ बाइक पर पहुंचा। और छात्रा को लेकर उसके घर की ओर चल पड़ा।

रास्ते में विक्की ने जंगल की तरफ बाइक मोड़ दी। आपत्ति जताने पर उसने कहा कि लॉकडाउन होने की वजह से रास्ते में पुलिस चेक कर रही है, इसलिए जंगल के रास्ते से जाएंगे। जंगल घुसते ही उसने शौच करने की बात कह, बाइक रोक दी। कुछ देर बाद पहुंचा और फिर अपने दोस्त के साथ मिलकर छात्रा के साथ रेप किया। इस बीच वह चिल्लाती रही।

इधर चिल्लाने के दौरान ही मुंह पर कपड़ा बांधे आठ और लड़के पहुंचे। छात्रा के गले पर चाकू रख, सबने बारी-बारी से उसके साथ रेप किया। इस दौरान मारपीट भी की और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी।

रेंगते हुए जंगल से बाहर निकली छात्रा

घटना के बाद छात्रा बेहोश हो गई। उसे मरा समझ कर लड़के वहां से भाग गए। रातभर बेहोशी के हालात में जंगल में ही पड़ी रही। सुबह 25 मार्च को रेंगते हुए सड़क किनारे पहुंची। ग्रामीणों ने देखा तो छात्रा के भाई को फोन पर पूरी जानकारी दी। फिर परिजन उसे घर ले गए। सूचना मिलने के बाद गोपीकांदर थाना की पुलिस पीड़िता के घर पहुंची और फिर इलाज के लिए उसे दुमका सदर अस्पताल ले गए।

दुमका एसपी वाइएस रमेश ने बताया, ‘मामले में एक नामजद और नौ अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में भी रामगढ़ गैंगरेप की तरह की कार्रवाई होगी।’

जानकारी के मुताबिक इससे पहले दुमका में ही पांच फरवरी को एक छह साल की बच्ची के साथ उसके चाचा ने और दो अन्य लोगों रेप किया था। दो दिन बाद बच्ची की लाश मिली थी। मामले में 25 दिन बाद फैसला आया था। लगातार चार दिन सुनवाई हुई। दो मार्च को देर रात कोर्ट खोला गया और तीन की सुबह फैसला सुनाया गई। दोषियों को फांसी की सज़ा दी गई।

वहीं खूंटी में एक लड़की के साथ दस लड़के एक महीने तक गैंगरेप करते रहे। इस दौरान उसके साथ 30 बार गैंगरेप हुआ। बीते साल नवंबर माह में रांची में लॉ यूनिवर्सीटी की छात्रा के साथ 12 लड़कों ने गैंगरेप किया था। आरोपियों को दोषी ठहराया गया और सभी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।

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