बिहार इन दिनों भारी बारिस और कोरोना वैश्विक महामारी के संकट से लड़ रहा हैं।दोनों ही समस्य़ा से सरकार और जनता परेशन हैं।सरकार दोनों समस्या से निपटने की कार्य योजना पर काम कर रही हैं लेकिन प्रदेश में भारी बारिस के चलते राज्य के 16 जिले बाढ़ की चपेट में हैं।यहा राहत सामग्री और सहायता पहुंचाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया हैं क्योंकि की बाढ़ के पानी से इन जिले के गांव पुरी तरह से जलमग्न हो गया हैं।लोग अपने घरों को छोड़ कर बांधों और नेशनल हाईवे पर रहने को बिवस हो गये हैं।
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राज्य में बारीस का कहर जारी रहने से बाढ़ का खतरा और बढ़ गया हैं अबतक बाढ़ के पानी में डुबने से 23 लोगों की जान जा चुकी है और बाढ़ से राज्य की 70 लाख आबादी प्रभावित हुई हैं। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नेपाल से निकलकर उत्तरी जिलों से होकर बहने वाली नदियों के किनारे के क्षेत्रों का एक और सर्वेक्षण किया। आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, दरभंगा में बाढ़ संबंधी हादसों में दो और लोगों की मौत के बाद मृतकों की संख्या में वृद्धि हुई है। दरभंगा जिला इस मौसम में बाढ़-बारिश से सर्वाधिक प्रभावित है और जिले के 19 लाख लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
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आपदा प्रबंधन विभाग से बुधवार को प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य के 16 जिलों– सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल, किशनगंज, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चंपारण, खगडिया, सारण, समस्तीपुर, सिवान, मधुबनी, मधेपुरा एवं सहरसा जिले के 120 प्रखंडों के 1152 पंचायतों की 63,60,424 आबादी बाढ से प्रभावित है जहां से बाहर निकाले गये 4,40,507 लोगों में से 17,916 ने 17 राहत शिविरों में शरण ले रखी है। दरभंगा जिले में सबसे अधिक अधिक 15 प्रखंडों की 199 पंचायतों की 18,61,960 आबादी बाढ से प्रभावित हुई है। हवाई सर्वेक्षण में मुख्यमंत्री के साथ मुख्य सचिव दीपक कुमार एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार भी थे।