अलीगढ़ की घटना पर मिथिला स्टूडेंट यूनियन ने निकाला आक्रोश मार्च

मुजफ्फरपुर न्यूज: मिथिला स्टूडेंट यूनियन जो कि गैर राजनैतिक संगठन हैं पिछले 4 वर्षों से उत्तर बिहार के छात्र के विकास के लिए संघर्षरत है।

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में हुए छोटी बच्ची के साथ अमानवीय हत्या के विरोध में मुज़फ़्फ़रपुर शहर के अघोरिया बाजार चौक से कल्याणी चौक तक मुँह पर काली पट्टी बांध कर पैदल मार्च के रूप में विरोध प्रदर्शन किया गया। साथ ही कल्याणी चौक पर पहुँच कर बच्ची के आत्मा के शांति हेतु श्रद्धांजलि दी गयी।

मिथिला स्टूडेंट यूनियन के प्रदेश विश्वविद्यालय प्रभारी दाऊद इब्राहिम ने बताया कि यह घटना मानवता को शर्मसार कर देने वाली है आरोपी के द्वारा बच्ची के पिता से कुछ राशि कर्ज के रूप में लिया गया था जिसका बकाया होने पर बच्ची के पिता आरोपी पर दबाव बना रहे थे इसमें बच्ची का कहीं से कोई दोष नहीं है लेकिन सजा उस मासूम बच्ची को दिया गया जो वह अभी अपनी नन्ही आंखों से दुनिया देखना शुरू ही की थी पर जल्लादों ने उस नन्ही परी को हमेशा के लिए नींद से सुला दिया यह घटना इतना भयावन है सुन करके रूह कांप जाती है। यह प्रशासन की नाकामी का ही नतीजा है कि एक मामूली सा विवाद पर लोगों का मनोबल इतना तेज है कि वह हत्या तक करने में संकोच नहीं करती है अगर प्रशासन समय से नींद से जगी होती तो शायद आज हमारी बच्ची हम लोगो के बीच ही होती।
दाऊद इब्राहिम ने यह आरोप प्रशासन पर लगाया हैं. आपको बताते चलें कि आरोपी ने बच्ची की इतनी निर्मम तरीके से हत्या किया कि मानवता शर्मसार हुई हैं.

यूनियन के मुजफ्फरपुर जिला उपाध्यक्ष रवि शेखर यादव ने कहा कि हम केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से यह मांग रखते हैं कि यह मामला अति संवेदनशील है जिसको लेकर बारीकी से इसकी जांच की जाए और जांच की प्रतिक्रिया में तेजी लाकर अतिशीघ्र आरोपी पर कार्रवाई की जाए, ताकि आगे से किसी और की गलती का सजा मासूम को भुगतना नहीं पड़े.

हम उत्तर प्रदेश सरकार से भी यह मांग करते हैं कि जब 30 तारीख को ही बच्ची के पिता के द्वारा अपहरण की आवेदन दी गई थी, साथ ही दोनों आरोपी पर शक जाहिर की गई थी ऐसा भी नही था कि आरोपी की छवि पहले से साफ थी जिस से पुलिस को करवाई करने में संकोच होती. आरोपी पहले से ही अपनी ही बेटी के साथ दुराचार करने का आरोपी है इतना सब कुछ जानते हुए भी पुलिस का सोए रहना भी एक गंभीर सवाल खड़े करती है. पुलिस के सोए रहने कारण के कारण और समय पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देने के कारण यह घटना हुई है. हम उत्तर प्रदेश सरकार से निवेदन करना चाहते हैं कि वह दोषी पुलिस पर भी कार्रवाई हो और अपने उस मंत्री को भी अपने मंत्रिमंडल से बाहर करे जो इस तरह की अमानवीय घटना को भी आम घटना कह कर अपनी पल्ला झाड़ रहे है, और एक सन्देश दे कि उत्तरप्रदेश में क़ानून राज़ कायम है ताकि ,इस तरह के संवेदनशील मामले में पुलिस अपने ढीली रवैया फिर से ना अपनाएं और हमें फिर से किसी नन्ही परी को ना खोना परे।

मौके पर पूर्व प्रत्याशी मुजफ्फरपुर लोकसभा क्षेत्र के मुकेश कुमार, अली जोहार सिद्दीकी, अनिल कुमार, उत्तम, शुभम मोहम्मद दीन, जिला सचिव शब्बू मिर्ज़ा, जिला कॉलेज प्रभारी आफ़ताब आलम सिद्दकी, संगठन मंत्री साहिल आलम, सोसल मीडिया प्रभारी अभिषेक कुमार, देवराज़, आक़िफ़ रहमानी, बंटू झा,……………….सहित शहर के कवि, लेखक, व्यापारी आदि वर्ग के भी दर्जनों लोग शामिल थे।

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