बिहार में चमकी बुखार का बढ़ता प्रकोप

चमकी बुखार का प्रकोप मुजफ्फरपुर समेत पूरे उत्तरी बिहार में देखने को मिल रहा है धीरे-धीरे यह सारे बिहार को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। इस बीमारी से बचने के लिए बिहार सरकार द्वारा कुछ गाइडलाइंस जारी किए गए हैं इस को अपनाकर हम इस बीमारी से बच सकते हैं आपको बता दें कि इस बीमारी की वजह से तकरीब 200 से ऊपर मृत्यु केवल मुजफ्फरपुर शहर के एस.के.एम. सी.एच. हॉस्पिटल और केजरीवाल हॉस्पिटल में हो चुका है।
चमकी बुखार :-ईंसफेलाईटिस

चमकी बुखार से बच्चो को बचाने के लिऐ बच्चो को
1- धुप से दुर रखे।
2-अधिक से अधिक पानी का सेवन कराऐ।
3-हलकासाधारण खाना खीलाऐ ,बच्चो को जंक फुड से दुर रखे।
4-खाली पेट लिची ना खीलाऐ।
5-रात को खाने के बाद थोरा मिठा ज़रूर खिलाऐ।
6-घर के आसपास पानी जमा न होने दे ।किटनाशक दवाओ का छिरकाओ करे।
7-रात को सोते सम्यक मछर दानी का ईसतेमाल करे ।
8- पुरे बदन का कपरा पेहनाऐ।
9सरे गले फल का सेवन ना कराऐ ।ताज़ा फल ही खीलाऐ।
10- बच्चो के शरीर मे पानी की कमी ना होने दें।अधिक से अधिक बच्चो को पानी पीलाऐ ।

लक्षण :-

बच्चो को –
1-अचानक तेज बुखार आना।
2-हाथ पेर मे अकर्ण आना/टाईट होजाना ।
3-बेहोश होजाना।
4-बच्चो के शरीर का चमकना/शरिर का कांपना ।
5-शरीर पे चकत्ता निकलना ।
6-गुलकोज़ का शरीर मे कम होजाना ।
7-शुगर कम होजाना। ईत्यादि

ईंसफोलाईटिस/ चमकी बोखार
यह बिमारी 10 साल तक के बच्चो को अधिक अटेक कररहा है । आप अपने बच्चो का पुरा ध्यान रखे ,को ई भी लक्षण नज़र आइऐ ,तो शिघ्र हस्पताल पहुचे / डाक्टर से संप्रक करे।

अपने बिहार मे जागरुकता फेलाने मे आप सहयोग करे और अधिक से अधिक शेयर करे । और न्नहे नवजातो की जान बचाने में सहयोग करें। बिहार सरकार द्वारा जनहित में जारी।

बिहार और केन्द्र सरकार ने समय रहते इंतज़ाम कर लिययए होते तो इतने बच्चे के जान न्ही जाते है . यह बिहार और भारत सरकार की नाकामी का सीधा साधा उदाहरण है.

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