लद्दाख बाँर्डर पर चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा में अतिक्रमण को लेकर काफी समय से विवाद चल रहा हैं।ये विवाद इस लिये शुरु हुआ कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण सीमा निश्चित नहीं होने के कारण दोनों ही तरफ की सेनाएं एक -दूसरे की सीमा में भूलवंश आ जाते हैं और चले जाते हैं लेकिन इस बार चीनी सेना जान बुझकर लद्दाख स्थिति गलवान घाटी जो भारतीय सीमा में पड़ता हैं प्रवेश कर उस पर चीनी सेना कब्जा जमाए हुए हैं।इस विवाद को हल करने के लिए दोनों तरफ के विदेश स्तर के अधिकारी आपस में बातचीत कर मामला सुलझाने की बात कह रहे थे।इस घोषणा के बाद दोनों सेनाओं के कमांडर स्तर के अधिकारी मिल बैठकर मामला सुलझाने के लिए कई स्तर के बातचीत हुई जिसके बाद दोनों सेनाओं के बीच सहमति बनी और दोनों तरफ की सेनाए विवादि जहग से पिछे हट गई।फिर भी दोनों तरफ से इस मुद्दें को सुलझाने के लिए आगे भी बातचीत जारी रखने की बात कही गई।
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लेकिन सोमवार मध्य रात्रि को लद्दाख बाँर्डर पर भारत और चीन की सेना के बीच हिंसक झड़प हुई जिसमें भारत के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गये।वही इस हिंसक झड़प में चीन के भी चार जवान मारे गये हैं और 11 जवान घायल हुए हैं, जिन्हें स्ट्रेचर पर लेकर जाते देखा गया। हालांकि, चीन ने इसपर कुछ बयान नहीं दिया है। चीनी सेना को कितना नुकसान हुआ इस बात पर भारतीय सेना कुछ भी ज्यादा नहीं बताया हैं। बस इतना कहा गया है कि नुकसान दोनों तरफ हुआ है। इससे पहले भारतीय सेना ने बताया था कि बॉर्डर पर चीनी घुसपैठ को रोकने के दौरान तीन जवान शहीद हुए। इसमें एक अधिकारी के अलावा दो जवान शामिल हैं।
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पत्थर और लाठी से चीनी सैनिकों ने किया हमला–
बताया जा रहा हैं कि सोमवार के मध्य रात्रि को चीनी सेना द्वारा भारतीय सीमा में घुसपैट करने की कोशिश कर रहे थे। इस घुसपैठ को रोकने पर चीनी सेना ने पत्थर और लाठी से भारतीय सेना पर हमला कर दिये इस हमले में भारत की तरफ से एक सैनिक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गये ,इस हिंसक झड़प में चीनी सेना के 4 जवान मारे गये हैं और 11 जवान घायल हुए हैं। भारत चीन सीमा पर पहले भी दोनों देशों के सैनिकों के बीच पत्थरबाजी होती रही हैं लेकिन बात इतनी कभी नहीं बढ़ी। हालांकि चीनी विदेश मंत्रालय की ओर से बयान आया है कि वह मामले को शांति से सुलझाना चाहते हैं। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी गलवान घाटी में ही मीटिंग कर तनाव को दूर करने की कोशिश में लगे हैं। गलवान घाटी भारत के लिए बहुत अहम है और चीन इस बात को समझता है, तभी वह यहां से पीछे हटने को राजी नहीं हो रहा। इस बीच खबर है कि सैनिकों को अब आदेश है कि अगर सामने से गोली चलती है तो फायरबैक कर सकते हैं। साथ ही कहा जा रहा है कि कोर कमांडर्स के बीच हुई बैठक में कोई राय नहीं बन पाई थी। हालांकि पहले यह कहा जा रहा था कि बैठक बहुत अच्छी रही है और जल्द ही विवाद का अंत हो सकता है।